Motivational Story: रिश्ता साझेदारी का होना चाहिए

Best Motivational Story in Hindi: चाहे व्यापार हो या नौकरी घर में भी समय देना जरूरी है ।

Update:2023-06-21 20:24 IST
Best Motivational Story in Hindi

Best Motivational Story in Hindi: चाहे व्यापार हो या नौकरी घर में भी समय देना जरूरी है ।
नेहा हर रात इंतज़ार करती कि कब मोहन घर लौटे और कब वो उसे अपने पूरे दिन के किस्से सुनाए।

अभी पिछले बुधवार ही तो उसे 'स्टार परफ़ॉर्मर ऑफ़ द मंथ' का अवॉर्ड मिला था जिसकी मोहन को अभी तक ख़बर ना थी। होती भी कैसे? देर रात को घर आते ही वह चुपचाप खाना खा कर सो जाता था।

"सुनो, तुम्हें पता है मेरे साथ हाल ही में क्या हुआ.
"मैं कल पक्का सुनूँगा। आज बहुत थक गया हूँ।"
"तुम्हारा तो अब ये डेली का नाटक हो गया है। ऐसा भी क्या काम करना कि ख़ुद की बीवी के लिए ही टाइम ना निकाल पाओ?"

"नेहा मैं ये सब हमारे लिए ही तो करता हूँ ना। तुम ऐसे गुस्सा क्यों हो रही हो?"

"तुम सो जाओ...मोहन मेरे लिए अपना काम मत छोड़ो," इतना कह कर नेहा ने अपना मुँह चादर से छुपा लिया।

अगली सुबह जब नेहा की नींद खुली तो उसने अपने बिस्तर का दूसरा हिस्सा खाली पाया।

"आज मोहन समय से पहले ही ऑफ़िस चला गया! अपने काम से ही शादी कर लेनी चाहिए उसे," उसने सोचा।
नेहा ने आँखें मलकर नींद खोली ही थी कि सामने से मोहन को हाथ में चाय का कप ले कर आते हुए देखा। आश्चर्य से बड़ी-बड़ी आँखों से वह कुछ पूछती कि उससे पहले मोहन ने बोलना शुरू कर दिया।
"हाँ तो तुम कल कुछ कह रही थी। क्या हुआ था तुम्हारे साथ?"
"तुम आज ऑफ़िस नहीं गए?

"नहीं तो। मैंने ऑफ़िस की ड्यूटी से कुछ दिन का ब्रेक लिया है ताकि तुम्हारे साथ अपने पति होने ड्यूटी पूरी कर सकूँ। इसीलिए इतने समय से ओवरनाइट करके सारे काम पहले ही ख़त्म कर लिए।"

नेहाअब कुछ भी बोलने की हालत में नहीं थी। वह बस चुपचाप यही सोचे जा रही थी कि कैसे ज़रा सी नासमझी और रिश्ते में आई शांति की वज़ह से ना जाने कितनी ग़लतफ़हमियाँ पैदा हो जाती हैं। उसकी आँखों से आते आँसूओं को जैसे ही मोहन ने देखा, उसने वहीं पास रखी टेबल पर चाय का कप रखा और नेहा को सीने से लगा लिया।
नेहा फूट-फूट कर रोने लगी...

अच्छा, आई एम सॉरी,"मोहन ने नेहा के आँसू पोंछते हुए कहा, "मैंने ना तुम्हारे बैग में वो 'स्टार परफॉर्म' वाली ट्रॉफ़ी कल रात को ही देख ली थी एंड आई एम वेरी प्राउड ऑफ यू। बस मैं एक बार सब कुछ तुम्हारे मुंह से सुनना चाहता हूं मोहन ने नेहा का माथा चूमते कहा ...मोहन का ऐसा प्यार देखकर नेहा मुसकुरा दी ओर फिर चाय की चुस्कियो के साथ शांति तोड़ते दोनों एक दूसरे से प्यार भरी बातों मे खो गये। दोस्तों यही तो प्यार .एक रिश्ता ...रिश्ता साझेदारी का ..कुछ रुठना मनाना ....कुछ नोकझोक ...पहले प्यार से गुस्सा करना ओर फिर मान जाना .. या मना लेना।

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