Christmas 2025: सांता क्लॉज़ और कोका-कोला, लाल कपड़ों की कहानी

Christmas 2025: क्या आप जानते हैं कि सांता क्लॉज़ हमेशा लाल और सफ़ेद रंग के कपड़े ही क्यों पहनते हैं आइये आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं और क्या है इसका कोका कोला से कनेक्शन आइये ये भी जानते हैं इसकी पूरी कहानी।

Report :  Ankit Awasthi
Update:2024-12-25 08:56 IST

Christmas 2025 (Image Credit-Social Media)

Christmas 2025: का त्यौहार आते ही हर किसी के दिमाग में एक परिचित छवि उभरती है-लाल और सफेद कपड़ों में हंसते हुए सांता क्लॉज़ की। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सांता क्लॉज़ का यह लाल पोशाक पहनने का प्रचलन कोका-कोला कंपनी के कारण शुरू हुआ था? यह कहानी न केवल सांता की छवि को बदलने की है, बल्कि यह एक ऐसी मार्केटिंग रणनीति का हिस्सा थी जिसने कोका-कोला को सर्दियों के पेय के रूप में लोकप्रिय बनाया।

सांता क्लॉज़ की प्राचीन छवि

सांता क्लॉज़ का मूल स्वरूप यूरोप में 4वीं सदी के सेंट निकोलस से जुड़ा हुआ है। सेंट निकोलस को उनके दयालुता और बच्चों के प्रति प्रेम के लिए जाना जाता था।

Christmas 2025 (Image Credit-Social Media)

पारंपरिक रूप: शुरुआती चित्रों में सांता को हरे, नीले, या भूरे रंग के कपड़ों में दिखाया गया। यह कपड़े उस समय के स्थानीय परंपराओं और मान्यताओं के आधार पर बदलते रहते थे।लेकिन 20वीं सदी के आते-आते सांता क्लॉज़ की छवि बदलने लगी, और इसमें सबसे बड़ा योगदान कोका-कोला कंपनी का रहा।

Christmas 2025 (Image Credit-Social Media)

कोका-कोला और लाल पोशाक की शुरुआत

Christmas 2025 (Image Credit-Social Media)

  • 1920 के दशक तक कोका-कोला केवल गर्मियों का पेय माना जाता था। ठंड के मौसम में इसकी बिक्री कम हो जाती थी। कोका-कोला ने इस चुनौती का समाधान निकालने के लिए सांता क्लॉज़ का उपयोग किया और उसे अपनी ब्रांडिंग का हिस्सा बनाया।
  • 1931 का कोका-कोला का क्रिसमस अभियान: 1931 में कोका-कोला ने हैडन सुंदरब्लोम (Haddon Sundblom) नामक कलाकार को एक विज्ञापन अभियान तैयार करने के लिए नियुक्त किया। सुंदरब्लोम ने सांता क्लॉज़ को लाल और सफेद रंग के कपड़ों में दिखाया, जो कोका-कोला के ब्रांड रंगों से मेल खाते थे।
  • लाल और सफेद पोशाक: यह रंग न केवल सांता को आकर्षक बनाता था, बल्कि कोका-कोला की ब्रांडिंग को भी मजबूत करता था।
  • मुस्कान और गर्मजोशी: सुंदरब्लोम के सांता क्लॉज़ ने एक खुशमिजाज, गर्मजोशी भरे बुजुर्ग की छवि को उभारा।

मार्केटिंग का जादू

इस विज्ञापन में सांता को कोका-कोला पीते हुए दिखाया गया। इस अभियान का उद्देश्य था सर्दियों में कोका-कोला की बिक्री बढ़ाना और इसे एक "सालभर पीने योग्य पेय" के रूप में स्थापित करना।


Christmas 2025 (Image Credit-Social Media)


 यह विचार काम कर गया, और सांता क्लॉज़ की लाल पोशाक वाली छवि ने क्रिसमस की पहचान को बदल दिया।

लाल कपड़ों का सांता और आधुनिक क्रिसमस

  • 1931 के बाद, कोका-कोला के इस विज्ञापन अभियान ने सांता क्लॉज़ की लाल पोशाक वाली छवि को वैश्विक पहचान दिलाई।
  • क्रिसमस परंपरा का हिस्सा: लाल और सफेद कपड़ों वाला सांता क्लॉज़ अब क्रिसमस का अभिन्न हिस्सा बन गया।
  • सांस्कृतिक प्रभाव: यह छवि इतनी लोकप्रिय हुई कि लोगों ने इसे सांता की वास्तविक पहचान मान लिया।

कोका-कोला की मार्केटिंग रणनीति

Christmas 2025 (Image Credit-Social Media)


 मौसम आधारित मार्केटिंग: ठंड के मौसम में कोका-कोला की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सांता को इस्तेमाल करना।

ब्रांडिंग का महत्व: लाल और सफेद रंग को कोका-कोला के ब्रांडिंग से जोड़कर एक स्थायी प्रभाव छोड़ना।

भावनात्मक जुड़ाव: सांता क्लॉज़ की छवि ने लोगों को कोका-कोला के साथ भावनात्मक रूप से जोड़ा।

सांता क्लॉज़ और कोका-कोला का रिश्ता: एक स्थायी प्रभाव

Christmas 2025 (Image Credit-Social Media)


  •  कोका-कोला के इस अभियान ने न केवल कंपनी की बिक्री बढ़ाई, बल्कि सांता क्लॉज़ की छवि को भी स्थायी रूप से बदल दिया।
  • सांता का वैश्विक स्वरूप: आज, दुनिया भर में सांता को लाल और सफेद कपड़ों में देखा जाता है।
  • ब्रांडिंग की ताकत: यह कोका-कोला की मार्केटिंग रणनीति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसने एक सांस्कृतिक आइकन को पुनः परिभाषित कर दिया।

निष्कर्ष

सांता क्लॉज़ की लाल पोशाक और कोका-कोला का रिश्ता यह दिखाता है कि कैसे एक प्रभावी मार्केटिंग रणनीति न केवल किसी उत्पाद को लोकप्रिय बना सकती है, बल्कि सांस्कृतिक परंपराओं को भी बदल सकती है।

आज सांता क्लॉज़ और कोका-कोला दोनों ही क्रिसमस की पहचान बन गए हैं। कोका-कोला का यह योगदान एक बार फिर साबित करता है कि मार्केटिंग न केवल बिक्री बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहरों को भी प्रभावित कर सकती है।

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