डिप्रेशन को ऐसे करें दूर: जिंदगी बनेगी खुशनुमा, जब दिल-दिमाग होगा स्वस्थ

Update: 2020-01-24 06:20 GMT

लखनऊ: आज की दुनिया भागदौड़ भरी है और इस भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव होना आम बात है। आज जब हर ओर कॉम्पिटिशन, अराजकता, धोखा आदि का माहौल है। ऐसे में तनाव, डिप्रेशन होना सामान्य है। यह हमें, आपको या किसी को भी हो सकता है। हालंकि यह कोई बड़ी व लाइलाज बीमारी नहीं है। पहले तो आप यह पता करें कि आपको डिप्रेशन ही है या सामान्य तनाव। कई बार लोग तनाव व चिंता को डिप्रेशन समझ लेते हैं।

तो डिप्रेशन के कारण व लक्षण को पहचाने के बारे में बताने जा रहे तो चलिए जाने क्या?

सेहत के प्रति सजगता ने हमें शारीरिक तौर पर स्वस्थ रहने के लिए बहुत गुर सिखाए हैं। सही एक्सरसाइज, समुचित डाइट और अपने काम पर फोकस शरीर को तो स्वास्थ्य रखता है, लेकिन इसी के साथ जरुरी है मन और मस्तिष्क को भी स्वास्थ्य रखना। ऐसे में अगर आप भी मानसिक उलझनों से जूझ रहे हैं तो इसका इलाज ढूंढना जरूरी है, वरना मानसिक समस्याएं कब गंभीर रूप ले लेंगी, इसका पता ही नहीं चलेगा।

1. डिप्रेशन-

अकेले रहने से बचें। अपनी बातों को अपने करीबी लोगों से शेयर करें। मनोचिकित्सक को दिखाने से आसानी से डिप्रेशन से उबरा जा सकता है। दवाई, डाइट और सोशलाइजेशन कारगर रहता है। चिंता- अपने प्रिय व्यक्ति के साथ बातकर मूल कारण समझें। चिंता का मुख्य कारण पहचानें जैसे बच्चे को तैयार करते समय, बॉस को फेस करते समय या होम मेकिंग में घर के काम करते हुए। समय को पहचानकर उस दौरान गीत-संगीत, अपने धर्म के अनुसार मंत्र या जाप, फिजिकल एक्टीविटी के साथ स्वयं को डाइवर्ट करें।

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2. तनाव-

स्ट्रेचिंग करें। पूजा पाठ करें। भजन गाएं। तनाव मुक्ति का निरंतर अभ्यास करें। डीप ब्रीथिंग सीखें। प्रोफेशनली स्किल्ड हों।

3. हाइपर एक्टीविटी (ज्यादा सक्रियता)-

प्रतिदिन स्वयं को शारीरिक तौर पर थोड़ा सा थकाएं ताकि आपके शरीर की ऊर्जा समायोजित हो पाए। टाइम मैनेजमेंट प्रापर करें।ज्यादा से ज्यादा लक्ष्य बनाएं और उन्हें पूरा करने की कोशिश करें।

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4. आलस-

सही समय पर दिन की शुरुआत करें और छोटी ही सही, लेकिन प्लानिंग करें। हर रोज थोड़ा सा शारीरिक श्रम करें।ब्राइट कलर्स आलस्य को दूर करने में सहायक होते हैं। इसलिए रेड, आरेंज, यलो और अन्य ब्राइट कलर्स पहनने के लिए चुनें। तिदिन थोड़ी देर सूर्य की रोशनी में जरूर बैठें। आलस्य दूर करने में सन सिटिंग बहुत उपयोगी होती है।

5. चिड़चिड़ापन-

किसी भी रिएक्शन से पहले सोचें, फिर बोलें। अपनी बॉडी लैंग्वेज पर फोकस करें। स्माइल करने का निरंतर प्रयास वास्तविक स्माइल फैक्टर बनता है। स्वयं को मेंटली इंगेज करें, मसलन कोई मंत्र, कोई गाना या कोई सुविचार दोहराएं।

6. नकारात्मकता-

अपना हर दिन एक पॉजिटिव नोट के साथ शुरू करें, जैसे आज मौसम बहुत अच्छा है, आज तबियत बहुत अच्छी है या आज नींद बहुत अच्छी आई। निगेटिविटी पर लगाम कसें। बार-बार पॉजिटिव पॉइंट्स पर दिमाग केंद्रित करें। यह एक प्रकार का पॉजिटिविटी अभ्यास है इसे नियमित रूप से करें।

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