ध्यान दे! अगर खाते हैं ज्यादा, तो हो जाएंगे पागल

आज के दिनों में वजन बढ़ने की समस्या को लेकर बहुत लोग परेशान रहते है, आज के दौर में कम उम्र के लोगों में वजन बढ़ने व मोटापा से डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।

Update: 2019-12-31 11:38 GMT

लखनऊ: आज के दिनों में वजन बढ़ने की समस्या को लेकर बहुत लोग परेशान रहते है, आज के दौर में कम उम्र के लोगों में वजन बढ़ने व मोटापा से डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। हांलाकि, खराब आहार और व्यायाम की कमी के साथ डिमेंशिया का कोई संबंध देखने को नहीं मिला है।

अधय्यन के अनुसार आने वाले समय में खराब आहार और व्यायाम की कमी और एक्सरसाइज की कमी से किसी भी व्यक्ति में मनोभ्रंश (डिमेंशिया) के खतरे को बढ़ा सकती है। इस बात का ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और अध्ययन की मुख्य लेखक सारा फ्लाउड कहती हैं कि, उन्होंने अपने अध्ययन में इन कारकों को डिमेंशिया के दीर्घकालिक जोखिम से जुड़ा हुआ नहीं पाया है।

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और अध्ययन की मुख्य लेखक सारा फ्लाउड ये कहती

फ्लाउड कहती हैं कि, इन कारकों और डिमेंशिया के जोखिम के बीच अल्पकालिक जुड़ाव किसी व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन को प्रतिबिंबित करता है, जैसे खराब तरीके से खाने की आदत और किसी काम को सही तरीके से नहीं करना। ऐसा डिमेंशिया के शुरुआती लक्षणों के कारण भी हो सकता हैं। जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में 1935 से 1950 के बीच ब्रिटेन में पैदा होने वाली हर चार महिलाओं में से एक या लगभग 1,137,000 महिलाएं शामिल थीं, उनकी औसत आयु 56 वर्ष थी और अध्ययन की शुरुआत में उन्हें डिमेंशिया नहीं था। प्रतिभागियों को अध्ययन की शुरुआत में उनकी लंबाई, वजन, डाइट और एक्सरसाइज के बारे में पूछा गया था।

उम्र, शिक्षा, धूम्रपान और कई अन्य कारकों को शामिल किया

शोधकर्ताओं ने अध्ययन की शुरुआत के बाद औसतन 18 साल तक महिलाओं पर नजर रखी, अध्ययन की शुरुआत से 15 साल बाद 18,695 महिलाओं में डिमेंशिया का पता लगा लिया था। शोधकर्ताओं ने इसके पीछे उम्र, शिक्षा, धूम्रपान और कई अन्य कारकों को शामिल किया गया था। अध्ययन की शुरुआत में शोधकर्ताओं ने पाया कि, जो महिलाएं मोटापे से ग्रस्त थीं, उनमें आगे चलकर वांछनीय बीएमआई वाली महिलाओं की तुलना में डिमेंशिया का खतरा 21 प्रतिशत आधिक था।

अध्ययन में शामिल 177,991 महिलाओं में से मोटापे से ग्रस्त 2.1 प्रतिशत या 3,948 महिलाएं डिमेंशिया का शिकार पाई गईं। यह वांछनीय बीएमआई के साथ 1.6 प्रतिशत महिलाओं या 434,923 महिलाओं में 7,248 की तुलना में हैं। जिन्हें बीमारी का पता चला था। अधय्यन में डिमेंशिया को मोटापे से जोड़ा गया है। लेकिन अगर समय रहते मोटापे को कंट्रोल कर लिया जाए तो आप आसानी से डिमेंशिया के खतरे को कम कर सकते हैं। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें-आपके वर्कआउट रूटीन में कार्डियो और वेट ट्रेनिंग / स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज दोनों शामिल हैं।

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कार्डियो कैलोरी बर्न करने में मदद करती हैं। जबकि वेट ट्रेनिंग / स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज ख़राब फैट को कम करने, मांसपेशियो को मजबूत बनाने में मदद करती है। फैट डाइट से दूर रहें-अपनी डाइट में सभी प्रकार के फूड को शामिल करना चाहिए, जिनमें फैट, कार्ब, प्रोटीन और फाइबर शामिल हों। प्रोसेस्ड , पैकेज्ड जंक, डीप-फ्राइड फूड और सुगर फूड्स से बचें। अच्छी नींद लें-राट की अच्छी नींद वजन घटाने, अच्छे स्वास्थ्य और हार्मोनल संतुलन के लिए बहुत जरुरी हैं नींद की कमी भूख और आधिक खाने के लिए प्रेरित कर सकती है।

हेल्दी तरीके से वजन घटाने के लिए सात घंटे की नींद जरुरी हैं। भोजन में प्रोटीन शामिल करें-प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है। जो हेल्दी तरीके से वजन घटाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अंडे, दूध, डेयरी उत्पाद, नट व समुद्री भोजन और चिकन सभी स्वस्थ प्रोटीन का स्रोत है।

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