नई दिल्ली : शुगर यानी डायबिटीज आजकल घर की बीमारी हो गई है। यह लाइफ स्टाइल डिजीज है जिसको खानपान से भी कण्ट्रोल किया जा सकता है। जानते हैं देसी टिप्स जिनको आजमाकर शुगर को कण्ट्रोल किया जा सकता है:
- अन्न का पांच भाग, काले चने दो भाग और गेहूं एक भाग लेकर पीसकर उसका आटे का सेवन करना चाहिए।
नया अन्न, अधिक खाना, अधिक सोना, दही का अधिक सेवन इस रोग की उत्पत्ति में कारण हैं। इसलिए इनसे बचना चाहिए।
- भोजन के बाद जल नहीं पीना चाहिए। जल और सत्तू का प्रयोग इस रोग में हितकर है। हल्दी इस रोग में विशेष रूप से हितकारी है।
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- हरीतकी प्रमेह का नाश करती है। शिलाजीत का सेवन करने से व्यक्ति प्रमेह के उपद्रवों से शीघ्र ग्रसित नहीं होता।
आंवला और हल्दी चूर्ण का नित्य प्रयोग इस रोग में विशेष लाभकारी है।
- रोगी अगर स्थूल है, तो संशोधन यानी वमन विरेचन के प्रयोग से और अगर उस का रोगी दुबला है तो उसके शरीर में वृद्धि करने वाले द्रव्यों के प्रयोग से उसकी चिकित्सा करनी चाहिए।
- जब शरीर में मल संचित होते रहते हैं, वे उपेक्षित होकर चिरकाल तक शरीर में पड़े रहते हैं, तो विभिन्न रोगों के साथ-साथ प्रमेह रोग की उत्पत्ति होती है। इसलिए शरीर का शोधन करने से इससे बचा जा सकता है।
- फल और सब्जियों का भी भरपूर सेवन करना चाहिए। ध्यान रहे कि उन फलों का सवेन कदापि न करें, जिनमें शर्करा की मात्रा अधिक होती है।
- विजयसार की लकड़ी का चूर्ण 200 ग्राम की मात्रा में लेकर एक घड़े में पानी में भिगो दें। अगले दिन पीने के लिए उस पानी का प्रयोग करें। यह पानी और लकड़ी रोजाना बदलनी चाहिए। तभी अच्छे लाभ मिलते हैं।
- आयुर्वेद के ग्रंथों में गुग्गुल, वंग, भस्म, असवादि गण, मुठककादि गण के द्रव्यों का प्रयोग भी इस रोग के लिए निर्दिष्ट है जिसका प्रयोग चिकित्सक की देखरेख में करना चाहिए।