गर्मी में महिलाओं के इन अंगों में होती है ज्यादा परेशानी, अपनाएं घरेलू उपाय

नहाने के बाद आप अपने जांघों वाले हिस्से और उसकी आस-पास की जगह को तौलिया से अच्छी तरह साफ कर लें। ध्यान रखें कि इस दौरान इस्तेमाल किया जाने वाला तौलिया एकदम साफ हो

Update:2019-05-08 16:25 IST

जयपुर : गर्मी के मौसम में जांघों के बीच में होने वाले रैशेज आम परेशानियों में से एक है। घरेलू उपायों की मदद से इस परेशानी से पाएं छुटकारा पा सकते है।गर्मियों का मौसम आते ही महिलाओं में त्वचा संबंधी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। इन परेशानियों की एक प्रमुख वजह है, पसीना। परेशान करने वाली गर्मी के बीच शरीर से लगातार बहता पसीना चिपचिपा और बदबूदार होता है, साथ ही इससे कई तरह के फंगल इंफेक्शन भी होते हैं। खासतौर से महिलाओं की जांघों के बीच रैशेज होना गर्मी के मौसम की एक आम समस्या है। जिन महिलाओं या युवतियों की जांघें सामान्य से थोड़ी भारी होती हैं, उन्हें तो और ज्यादा परेशानी होती है।

ऐसे में उन जगहों पर खुजली से असहजता बढ़ जाती है। बार-बार खुजली से त्वचा छिल जाती है व खरोंच के निशान पड़ जाते हैं, जो सूखने के बाद और ज्यादा दर्द देता है।कई बार स्थिति खराब होती है कि चलने व उठने-बैठने तक में बहुत दिक्कत होने लगती है। यह एक तरह की दाद या खुजली होती है। सामान्यत: महिलाओं की जांघों के साथ-साथ यह उनके प्रजनन अंगों तक में भी फैल सकती है, जिसका समय रहते इलाज बेहद जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लेनी चाहिये, जो एंटी फंगल ट्रीटमेंट के तहत कुछ क्रीम, पाउडर आदि से जल्दी ठीक भी हो जाता है। इसके अलावा कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी इस प्रकार के फंगल इन्फेक्शन से छुटकारा पा सकती हैं।

*नारियल तेल, हमारी जांघों की त्वचा आपस में टकराती है और गर्मी में पसीने की चिपचिपाहट से या बेहद तंग कपड़े पहनने की वजह से उस जगह पर रैशेज पड़ने लगते हैं, जो बहुत पीड़ादायक होते हैं। प्रभावित हिस्से पर अगर नारियल का तेल या अन्य कोई भी तेल लगाकर हल्के हाथ से मालिश की जाए तो रैशेज से राहत मिलती है। रात में सोने से पहले अगर यह मालिश की जाए तो ज्यादा लाभ मिलता है।

*वैसलीन नारियल तेल के अलावा पेट्रोलियम जेली यानी वैसलीन को प्रभावित हिस्से पर लगाने से भी बहुत आराम मिलता है। वैसलीन भी तेल की तरह ही प्रभावित हिस्से की नमी को बरकरार रखती है और त्वचा को सूखने नहीं देती।

*एलोवेरा सौंदर्य उत्पादों में एलोवेरा का इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता है, लेकिन त्वचा पर पड़ने वाले इस प्रकार के रैशेज में भी यह बहुत प्रभावी होता है। एलोवेरा जेल में ल्यूपियोल नामक फैटी एसिड होता है, जो रैशेज में होने वाले दर्द से राहत देने में सहायक होता है। इसे रात को सोने से पहले प्रभावित हिस्से में लगाने पर सुबह तक चमत्कारी रूप से आराम मिलता है।

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*साबुन गर्मियों में हम सबका बार-बार नहाने का दिल करता है और पसीने की बदबू से छुटकारा पाने के लिए बार-बार साबुन लगाने से त्वचा शुष्क हो

जाती है। ऐसे में हमेशा सौम्य किस्म के साबुन का ही इस्तेमाल करे, जो त्वचा के पीएच बैलेंस को तो बनाए रखे ही, साथ ही हानिकारक बैक्टीरिया से भी सुरक्षा प्रदान करे। यदि ज्यादा पसीना आता है, तो दिन में दो बार माइल्ड साबुन से त्वचा को साफ करें और अच्छी तरह से पोंछ कर कपड़े पहनें।

*पाउडर पसीने से पैदा होने वाली नमी से बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं, जिससे इन्फेक्शन का खतरा और बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए प्रभावित हिस्सों पर अच्छी तरह टेलकम पाउडर लगाएं। पाउडर पसीने को सोख लेगा और आपको रैशेज भी नहीं होंगे। वैसे आजकल फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए मेडिकेटेड पाउडर भी बाजार में उपलब्ध हैं।

*गर्मी का मौसम ज्यादा नमी वाला और उमस से भरा होता है, जिसमें पसीना लगातार आता रहता है। इससे बचने के लिए आप कुछ आसान टिप्स आजमा सकती हैं।जहां तक कोशिश हो ढीले, हल्के रंगों के सूती कपड़े ही पहनें, ताकि पसीना आने पर वह जल्दी ही सूख जाए और शरीर को हवा लगती रहे।

*लंबे समय तक टाइट फिटिंग जींस या इसी प्रकार की अन्य ड्रेसेज पहने रखने से खासतौर से जांघों को हवा नहीं लग पाती और रैशेज हो जाते हैं। इसी प्रकार अगर शॉर्ट ड्रेस पहन रही हैं, तो उसके नीचे साइकिलिंग शॉट्र्स जरूर पहनें।

*नहाने के बाद आप अपने जांघों वाले हिस्से और उसकी आस-पास की जगह को तौलिया से अच्छी तरह साफ कर लें। ध्यान रखें कि इस दौरान इस्तेमाल किया जाने वाला तौलिया एकदम साफ हो और उसे आपके अलावा कोई और इस्तेमाल ना करता हो।

*प्रभावित हिस्से के सूखने के बाद ही कोई तेल, क्रीम या कोई पाउडर लगाएं और फिर कपड़े पहनें। यह सही है कि दिन के समय में आप जांघों जैसे हिस्सों को बहुत ज्यादा खुला नहीं रख सकती है लेकिन रात को सोते समय जहां तक संभव हों, प्रभावित हिस्से में अच्छे से हवा लगने दें।

*अपने अंडरगार्मेंट्स अच्छी तरह से धोएं और उन्हें पूरी तरह से सूखने पर ही पहनें। प्रभावित हिस्सों पर अल्कोहल युक्त टोनर बिल्कुल ना लगाएं।इस स्थिति में गुलाब जल ठंडक प्रदान करता है।

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