दिल के रोगियों की अचानक मौत का खतरा दूर करता है आईसीडी
हार्ट अटैक पड़ने के बाद कुछ मरीजों में दिल फैलने या दिल बड़ा होने की शिकायत पैदा हो जाती है। साथ ही, दिल के काम करने की क्षमता 30 प्रतिशत तक आ जाती है। इस तरह उसकी अचानक मौत होने का खतरा बढ़ जाता है।
लखनऊ: हार्ट अटैक पड़ने के बाद कुछ मरीजों में दिल फैलने या दिल बड़ा होने की शिकायत पैदा हो जाती है। साथ ही, दिल के काम करने की क्षमता 30 प्रतिशत तक आ जाती है। इस तरह उसकी अचानक मौत होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में उसे आईसीडी इम्प्लांटेबिल कार्डियोवर्टर डेफीब्रिलेटर डिवाइस लगायी जाती है। इससे उसकी अचानक मौत का खतरा टल जाता है।
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यह जानकारी ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज एम्स के डॉ. राकेश यादव ने दी। इस बारे में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लारी कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ वीएस नारायण ने बताया कि दिल फैलने की बीमारी में आईसीडी डिवाइस लगाने से यह फायदा होता है कि जब धडक़न तेज होती है तो इस डिवाइस से करंट जैसा लग जाता है।
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इससे अचानक मौत का खतरा दूर हो जाता है। डॉ नारायण ने यह भी बताया कि ऐसे मरीजों में इसी प्रकार से जब दिल की धडक़न बेतरतीब हो जाती है तो उसे नियंत्रित रखने के लिए सीआरटी कार्डियक रिसिन्क्रोनाइजेशन थेरेपी डिवाइस लगायी जाती है, इससे हृदय की बेतरतीब हो रही धडक़न को ठीक कर लिया जाता है। उन्होंने बताया कि हालांकि यह दोनों डिवाइज काफी महंगी आती है इन दोनों की कीमत करीब साढ़े छह लाख रुपये है।
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