Loneliness Tips: तन्हाई से डरें नहीं, ऐसे दूर भगाये, खुद में जगाये जीने का अहसास
मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक,'हमारे दैनिक विचारों में से 80 फीसदी नकारात्मक हैं और हमें खुद को सकारात्मकता के लिए फिर से तैयार किए जाने की जरूरत है
लखनऊ: अकेलापन हर किसी को काटता है। लेकिन कुछ लोगों को अकेले रहना ही पड़ता है। हम भले कहे कि अकेले हैं तो क्या गम है।पर ऐसा नहीं है। अकेले हैं तो गम ही गम हैं, क्योंकि अकेलापन बीमारियों की तरफ धकेलता है और कोराना काल में तो इसमें खासा इजाफा देखा गया। सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा की वजह से लोगों ने अपनों के बीच भी खुद को बेगाना पाया। धीरे-धीरे अब सब नॉर्मल होने लगा है और लोग इस मनोदशा से बाहर आने लगे हैं, लेकिन कुछ लोग अब भी लॉकडाउन के इस अकेलेपन से उबर नहीं पा रहे हैं।
पब्लिक हेल्थ की दिशा में किए गए उपाय
अकेलेपन पर वैज्ञानिकों ने शोध किया कोराना काल में लगातार पब्लिक हेल्थ की दिशा में किए गए उपाय हमें प्रभावित कर रहे हैं। केवल मेंटल हेल्थ को ही प्रभावित नहीं कर रहा बल्कि इससे फिजिकल हेल्थ भी प्रभावित हो रही है। शोध बताते हैं कि फिजिकल हेल्थ को अकेलापन उतना ही नुकसान पहुंचाता है, जितना रोज 15 सिगरेट पीने से होता है।यह मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करने के साथ ही अवसाद, चिंता, तनाव, लो सेल्फ इस्टीम और नींद संबंधी परेशानियों में भी इजाफा करता है।
मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक,'हमारे दैनिक विचारों में से 80 फीसदी नकारात्मक हैं और हमें खुद को सकारात्मकता के लिए फिर से तैयार किए जाने की जरूरत है, लेकिन हमें सबसे पहले यह पता होना चाहिए कि ये कैसे किया जाए ।हमें कृतज्ञता यानी ग्रेटीट्यूड की एक्सरसाइज को तवज्जो देनी होगा। इसके लिए इन पांच टिप्स को अप्लाई कर सकते हैं....
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योगाभ्यास
परिस्थितियों से पैदा हुए अवसाद और अकेलेपन से निपटने के लिए एक्सरसाइज बेहद कारगर उपाय है। वर्चुअल ग्रुप एक्सरसाइज क्लासेज के जरिए हम न केवल ह्यूमन इंटरैक्शन का एहसास करते हैं, बल्कि इससे हमारी बॉडी का मूवमेंट भी होता है। एक्सरसाइज के वक्त हमारा शरीर एंडोर्फिन छोड़ता है, जो हमारे मूड को अच्छा करने में मदद करता है और दर्द के बारे में हमारी धारणा को कम करता है। इससे अनिद्रा से निपटने में भी मदद मिलती है, क्योंकि यह तनाव को कम करता है।
संतुलित दिनचर्या
अकेलापन होना से निपटने के लिए हम एक सख्त रूटीन का पालन करें। एक संतुलित दिनचर्या बनाने से आपको चीजों को आगे देखने में मदद मिलती है, आप अपने समय को योजनाबद्ध तरीके से बिता सकते हैं। अपने काम और जिंदगी के बीच बेहतर तरीके से संतुलन स्थापित कर सकते हैं।
दूर भागने की जरूरत नहीं
अकेलेपन के साथ आने वाले परेशानी भरे विचारों से दूर भागने की कतई जरूरत नहीं है। यदि इस तरह के विचार आते हैं तो इन्हें बस स्वीकार करें। इस दौरान सांस लें और बाहर छोड़ें और यह सोचें की यह एक अस्थायी भावना है। अकेलेपन से हुई चिंता को कम करने के लिए आप ऑनलाइन ब्रीदिंग टेक्नीक्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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नेगेटिव विचारों से दूर रहें
इससे पहले की अकेलेपन आपको खा जाए आप अपनी भावनाओं को कागज पर लिखें, बिल्कुल वैसे ही जैसे एक जर्नल यानी डेली डायरी लिखी जाती है। इससे आपको अपनी परेशानियों को समझने में मदद मिलेगी। आप महसूस करेंगे कि अकेलापन सिर्फ एक एहसास है और आपको परिभाषित नहीं करता है। इससे आप अपने नेगेटिव विचारों से भी छुटकारा पा सकेंगे और बुरे से अच्छे की तरफ फोकस कर पाएंगे।
डेली डायरी
पीछे या पास्ट की कोई भी बात न सोचें। बस अपना ध्यान जिंदगी की आगामी योजनाओं पर केंद्रित करें।अपने मूड को ठीक करने के लिए अपनी डेली डायरी में अपने मित्रों और परिवार के साथ वीडियो कॉल की या ऑनलाइन क्लासेज और सेमीनार की योजनाएं बनाएं।
कहीं दूर निकल जाएं
अपने लिए थोड़ा सा समय निकालें ताकि उसमें आप अपने अकेलेपन के कारणों को ढूंढ़ सके। इसलिए आप जब भी अपने को अकेलापन महसूस करें तो टहलने चलें जाएं या फिर मेडिटेशन करें। ऐसे तरीके आजमाकर आप दोबारा अपने-आप को जीवंत कर सकते हैं और अकेलेपन की स्थिति से उबर सकते हैं।
खुद को प्यार करें
अकेलेपन को दूर करने को सबसे अच्छा तरीका है अपने आप से प्यार करना। आपको स्वयं से ज्यादा शायद कोई भी नहीं जानता होगा। इसलिए अपनी अच्छी या बुरी चीजों को समझें और जरूरत पड़ने पर उसमें बदलाव भी करें। आपकी जिंदगी और ये पल बहुत अनमोल हैं, इनको ऐसे ही मत खोइए, बल्कि इसे इंज्वॉय कीजिए।