Sawan 2022: सावन में किन चीज़ों को खाने से पड़ते हैं बीमार, जानें क्यों बढ़ जाती है पेट की समस्या
Sawan 2022: तो आइये जानते हैं कि बारिश यानी मानसून के मौसम में आपको किस तरह की और कौन सी चीज़ों को अपने डाइट में पेट और इम्युनिटी को बेहतर बनाने के लिए शामिल करना चाहिए और किन चीज़ों का इस मौसम में त्याग कर देना चाहिए।
Sawan 2022: सावन यानी मानसून का सीजन। सावन झमाझम बारिश का ही महीना कहलाता है। बारिश मानसून के मौसम में हो रही बारिश यूँ तो बहुत सुहावनी लगती है लेकिन ये अपने साथ कई तरह की बीमारियां और परेशानियां लेकर आती है। जी हाँ बारिश के मौसम में लोगों का पाचन तंत्र गड़बड़ होने के साथ इम्यून सिस्टम भी काफी कमज़ोर हो जाता है। जिसके कारण व्यक्ति बहुत आसानी से किसी भी तरह के इन्फेक्शन या बीमारियों का शिकार हो जाता है।
बता दें कि इस मौसम में बुखार , खांसी और फ्लू जैसी समस्याओं के होने का भी रिस्क काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए इस मौसम सेहत का विशेष ख्याल रखने की जरुरत होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मौसम के अनुसार खान -पान का ध्यान रखकर आप कई सारी स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। लेकिन सबसे बड़ी परेशानी ही यही है कि मौसम के हिसाब हमारे स्वास्थ्य के लिए अनुकूल डाइट क्या है और किन चीज़ों को हमें बिलकुल नहीं खाना चाहिए?
तो आइये जानते हैं कि बारिश यानी मानसून के मौसम में आपको किस तरह की और कौन सी चीज़ों को अपने डाइट में पेट और इम्युनिटी को बेहतर बनाने के लिए शामिल करना चाहिए और किन चीज़ों का इस मौसम में त्याग कर देना चाहिए।
सावन/ मानसून के मौसम में इन चीज़ों को ना करें अपने डाइट में शामिल :
हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से करें परहेज़ :
बारिश के मौसम हरी पत्तेदार सब्जियों को खाने से बचना चाहिए। बता दें किसी भी प्रकार के साग चाहे पालक ,मेथी , सरसों आदि के अलावा गोभी ,पत्तागोभी जैसी पत्तेदार सबिजयों के उपभोग से बचना चाहिए। गौरतलब है कि इस मौसम में कीटाणु और बैक्टेरिया बहुत ही तेज़ी से पनपते हैं जिसके कारण आपको पेट सम्बन्धी समस्याएं भी हो सकती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि फलों को तुरंत काट कर खा लेना चाहिए अन्यथा उसमें भी बैक्टेरिया पनपने के चांसेस हो जाते हैं।
दूध /डेरी प्रोडक्ट्स से बना लें दुरी :
बारिश के मौसम में हेल्थ एक्सपर्ट्स दूध ,दही ,छाछ आदि जैसे डेरी प्रोडक्ट्स को भी नहीं खाने की सलाह देते हैं। इसका मुख्य कारण है आपके पाचन तंत्र का कमज़ोर होना जिसके कारण इन सभी चीज़ों को पचाना आसान नहीं होता है। दूसरी ओर ये सभी डेरी प्रोडक्ट्स शरीर में कफ की समस्या को भी बढ़ाते हैं। इसलिए मानसून के महीने में इन चीज़ों का प्रयोग वर्जित माना जाता है। दूध का सेवन बिलकुल सीमित मात्रा में करें और उसे अच्छे से गर्म करके हल्दी ऐड करके ही पिए।
मछली और प्रॉन्स से हो सकता है फ़ूड पोइज़निंग का जबरदस्त खतरा
मानसून के मौसम में मछली, प्रॉन्स और अन्य समुद्री जीवों के सेवन से शरीर में फ़ूड पोइज़निंग का जबरदस्त खतरा हो सकता है। बता दें कि मानसून का समय इन जीवों के लिए प्रजनन का होता है। जिस समय इनका सेवन करना स्वास्थ्य सम्बन्धी कई परेशानियों और समस्याओं को दूर कर सकता है। हालाँकि हिन्दू धर्म में स्वॉन के महीनों में मांसाहारी खाद्य पदार्थों का सेवन पूरी तरह से वर्जित माना गया है।
बाहर बाज़ार के चटपटे खाने को करें ब्लैकलिस्ट
आमतौर पर मानसून के सीजन में पकौड़े और अन्य तली भुनी चीज़ों का खाने का मन करता है। आप इन चीज़ों को घर में बना कर एक सिमित मात्रा में इनका सेवन कर सकते हैं लेकिन बाज़ार में मिलने वाले गोलगप्पे , चाट ,पापड़ी ,रोल ,चौमिन इत्यादि का सेवन ना करें। क्योंकि इस मौसम में आपकी इम्युनिटी कमज़ोर होने के साथ पेट भी नाज़ुक स्थति में होता है ऐसे बाज़ार के उन्हेअल्थी प्रोडक्ट्स का सेवन आपको गहरी स्वास्थ्य समादयों में डाल सकता है।