रिसर्च: आपका बच्चा करेगा नाम, जब उसको मिलेगा ऐसे ज्ञान

अधिकतर पैरेंट्स की दिल से इच्छा होती है कि उनका बच्चा हर क्षेत्र में टॉपर हो। इसके कुछ पैरेंट्स तो बच्चे के जन्म के साथ ही यथा शक्ति तैयारी शुरु कर देते है। बच्चो के बड़े होते ही तरह तरह की किताबे लाने लगते है ताकि उनका बच्चा कुछ सीखे व जानें। स्कूल जाने से पहले घर में ही पढ़ाई शुरु कर देते हैं।

Update: 2019-07-24 05:36 GMT

जयपुर:अधिकतर पैरेंट्स की दिल से इच्छा होती है कि उनका बच्चा हर क्षेत्र में टॉपर हो। इसके कुछ पैरेंट्स तो बच्चे के जन्म के साथ ही यथा शक्ति तैयारी शुरु कर देते है। बच्चो के बड़े होते ही तरह तरह की किताबे लाने लगते है ताकि उनका बच्चा कुछ सीखे व जानें। स्कूल जाने से पहले घर में ही पढ़ाई शुरु कर देते हैं।

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एक रिसर्च में बात सामने आई है कि यदि बच्चों को घर में पढ़ाई के लिए अच्छा माहौल मिल जाए, तो वे भविष्य में टॉपर बन सकते हैं। और पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

'स्कूल प्रभावशीलता और स्कूल सुधार' में प्रकाशित इस रिसर्च में बात सामने आई है कि जिन बच्चों के माता-पिता ने स्कूल भेजने से पहले ही बच्चों के साथ पढ़ा और किताबों के बारे में बात की, वे सभी 12 साल की उम्र में गणित के विषय में अच्छे अंक लेकर आए।

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बामबर्ग विश्वविद्यालय हुए रिसर्च लेखक सिमोन लेहरल ने कहा, प्रारंभिक भाषा कौशल न केवल एक बच्चे के पढ़ने में सुधार करते हैं, बल्कि उसकी गणितीय क्षमता को भी बढ़ाते हैं।

इस रिसर्च में 229 जर्मन बच्चे तीन साल की उम्र से लेकर 12 साल की उम्र तक के बच्चों के ज्ञान का टेस्ट किया और इसमें 3-5 साल के बच्चे थे जो स्कूल जाने से पहले पढाई करते थे,इसके अलावा दूसरी बार फिर वे 12 या 13 वर्ष के बच्चों का टेस्ट लिया।

उन्होंने पाया कि जो बच्चे स्कूल से पहले घर में पढ़ाई करते थे, उनकी ज्ञान व गणित के साथ एक्सट्रा एक्टिविटी की क्षमता ज्यादा थी।

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