क्या है'वर्क फ्रॉम होम', तेजी से बढ़ रहा है इसका क्रेज, जानिए इसके फायदे व नुकसान
वर्क फ्रॉम होम होम यानी घर बैठे नौकरी करना।दुनिया में कुछ काम ऐसे होते हैं जिन्हे घर बैठे किया जा सकता है। दुनिया में कहीं भी हों, इंटरनेट और वाईफाई की सहायता से इन कामों को बखूबी कर सकती हैं। इस से काम देने वाले और काम करने वाले दोनों को फायदा होता है।
जयपुर:वर्क फ्रॉम होम होम यानी घर बैठे नौकरी करना।दुनिया में कुछ काम ऐसे होते हैं जिन्हे घर बैठे किया जा सकता है। दुनिया में कहीं भी हों, इंटरनेट और वाईफाई की सहायता से इन कामों को बखूबी कर सकती हैं। इस से काम देने वाले और काम करने वाले दोनों को फायदा होता है। खासकर ऐसी मां या पिता दोनों के लिए जो अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं। पहले यह सुविधा पश्चिमी विकसित देशों तक ही सीमित थी। लेकिन अब हमारे देश में इंटरनेट और वाईफाई के कारण वर्क फ्रॉम होम संंभव हो रहा है।
यह पढ़ें...पैरेंट्स के लिए पैरेंटिंग नहीं आसान! ऐसे करें विकास कि बच्चे का ना हो कम आत्मविश्वास
*इसमें वर्चुअल असिस्टेंट की अपनी कंपनी घर से चला सकते हैं या किसी ऐसी कंपनी के लिए जो आप को दूसरी कंपनी के लिए या क्लाइंट के लिए काम दे। छोटे बिजनेस वाले जो स्थाई कर्मचारी रखने में असमर्थ हैं, उन्हें ऐसे कर्मचारियों की जरूरत होती है, जो उन के लिए घर से काम कर सकें।
*डाक्टरों की बातें सुन कर उन के निर्देश, उपचार और दवाओं से संबंधित बातें कंप्यूटर पर टाइप करना होता है। डाक्टर दूसरे देश के भी हो सकते हैं। उन का उच्चारण ठीक से समझना पड़ता है।
*एक से अधिक बहुप्रचलित अंतर्राष्ट्रीय भाषा जानते हैं, तो दुनिया में ऐसी काफी कंपनियां हैं जो अपने देश में बैठे अपनी ऑडियो फाइल्स या डॉक्यूमेंट्स किसी अन्य भाषा में अनुवाद कराना चाहती हैं।
*सूचना प्राद्योगिकी के क्षेत्र में सब से ज्यादा वर्क फ्रॉम होम के अवसर प्राप्त हैं। इस क्षेत्र में वर्चुअल असिस्टेंट, वेब डेवलपर या डिजाइनर, नए कस्टम वेब डिजाइन या उन की वेब में बदलाव, सुधार या अपडेटिंग की जरूरत पड़ती रहती है।
*कॉलसेंटर में भी काफी अवसर हैं। जब कभी हम किसी बड़ी कंपनी पर कोई सामान या सेवा का ऑर्डर दे रहे हों तब दूसरी ओर से हमारी बात सुनने वाला कोई बड़े काल सैंटर में न हो कर उन का कोई प्रतिनिधि हो सकता है, जो घर से ही काम करता हो।
*कॉल सेंटर को अपने कंप्यूटर व अन्य उपकरणों के रख-रखाव या उन की मरम्मत अथवा आधुनिकीकरण के लिए समयसमय पर तकनीकी मदद की जरूरत होती है। इसे कभी तो घर बैठे ही सुलझा सकते हैं तो कभी ऑन साइट जाना होता है। अगर आप कंप्यूटर, इंटरनेट, मॉडेम, वाईफाई आदि के जानकार हैं तो यह काम आप कर सकते हैं।
* अगर आप को इस बिजनेस की जानकारी हो तो आप चाहें तो घर से यह काम कर सकते हैं। स्कूल और कालेज में ऐसे विद्यार्थी भी हैं, जिन्हें कोच या ट्यूटर की आवश्यकता होती है. आजकल तो डिस्टेंस ऐजुकेशन या कौरस्पौंडेंस कोर्स का काफी चलन हो रहा है, जिस के चलते इस क्षेत्र में भी वर्क फ्रौम होम के पर्याप्त अवसर हैं।
* लिखने, संपादन या प्रूफरीडिंग की काम खासकर वेब के लिए घर से कर सकते हैं। अगर लिखने की जानकारी नहीं भी हो तो ब्लॉगस्फेयर जॉइन कर सकते हैं। इस में मजा भी है और पैसा भी। दूसरों की ब्लॉगसाइट पर लिख कर भी कमाया जा सकता है।
*अगर बिजनैस की कुछ बुनियादी जानकारी हो और कुछ पूंजी लगा सकते हों तो किसी कंपनी या शिक्षण संस्था की फ्रैंचाइजी ले कर घर से यह काम कर सकते हैं।
*अगर चेस जानते हैं तो कंप्यूटर और इंटरनेट पर स्काइप से घर बैठे बच्चों को चेस सिखा सकते हैं। विदेशों में बसे अनेक भारतीय बच्चे चेस की कोचिंग लेना चाहते हैं। इस के लिए प्रति घंटे अच्छी रकम मिलती है।
यह पढ़ें...फेवरेट कलर बताएंगे, आपके बच्चे का कैरेक्टर, जानिए कैसे?
फायदा
*बच्चों और परिवार को अधिक समय दे सकते हैं, विशेषकर अगर बच्चे छोटे हों तो यह ज्यादा लाभकारी है। यह अवकाश प्राप्त व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत है। ऐसी औरतें जिन के पति का तबादला होता रहता हो, उन के लिए वर्क फ्रॉम होम अच्छा विकल्प है। विकलांग भी अपनी सुविधा और क्षमता के अनुसार घर से काम कर सकते हैं।*इसमें आप को सुबह-सुबह उठ कर तैयार हो निश्चित समय पर ट्रेन या बस से या खुद ड्राइव कर दफ्तर नहीं जाना है।महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम और ज्यादा फायदेमंद है। उन्हें रोज मेकअप करने की आवश्यकता होगी. वार्डरोब में कम कपड़े होने से भी काम चलेगा।
*आप अपने काम से ब्रेक ले कर घर के अन्य काम भी कर सकते हैं। अगर आप स्वयं अनुशासित हैं और परिवार के अन्य सदस्य आप के काम की महत्ता समझते हैं, तो आप यह कर सकते हैं।
*आप अपने घर का खाना खाते हैं। बाहर काम करने से अकसर कैंटीन या रेस्टोरेंट्स में खाना पड़ता है, जिस पर खर्च होता है। वर्क फ्रॉम होम करने पर पैसे की बचत के साथसाथ घर का स्वास्थ्यप्रद खाना भी मिलता है।
*ऑफिस रेंट और कर्मचारियों पर होने वाले व अन्य खर्च बिजली, एयर कंडीशनर, वाहन भत्ता, दुर्घटना बीमा आदि की बचत होती है।
*घर से काम करने वाले उपकरणों पर होने वाले खर्च पर आय कर से छूट ले सकते हैं। मौसम की मार नहीं झेलनी पड़ती है. बरसात, गरमी या जाड़े का सामना नहीं करना पड़ता है।
इसके नुकसान
*आप दूसरों के साथ पर्याप्त और सीधे संवाद से वंचित होते हैं। टीवी, किचन, महरी आदि आप का ध्यान काम से हटा सकते हैं। आप के व्यावसयिक व्यवहार और स्किल का समुचित रूप से विकास नहीं होता है।
*अगर आप वर्क फ्रॉम होम में अनुशासित रह कर काम नहीं करते हैं तब ज्यादा आरामतलबी हो सकते हैं।
*दफ्तर में काम करने से वहां के कंप्यूटर आदि में खराबी आने पर तुरंत सपोर्ट मिल जाती है। कंपीटिशन की भावना की कमी होती हैे। किसी भी बिजनेस में बेहतर प्रदर्शन के लिए कंपीटिशन अच्छा है।
*कभी-कभी बॉस यह भी समझ सकता है कि आप से घर पर किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है। अत: आप को अनचाहे समय में भी बॉस के निर्देश लेने होते हैं। अकेलेपन का एहसास होता है।ऑफिस में काम करते समय सहकर्मियों से कुछ व्यक्तिगत बातें होती रहती हैं पर वर्क फ्रौम होम में यह संभव नहीं।
*आप अपने स्टाइल से काम करते जाते हैं। आप को अपने सीनियर्स से कुछ सीखने का अवसर नहीं प्राप्त होता।