Makar Sankranti और पतंग: यहां जानें क्या हैं धार्मिक मान्यता, इनका रखें ख्याल
हिंदू धर्मं में मनाये जाने वाले त्यौहार, मकर संक्रांति के मौके पर हर धर्म के लोग पतंगबाजी करते हैं। हर उम्र के लोग पूरे जोश और मस्ती से पतंग उड़ाते हैं, बल्कि कई जगहों पर तो पतंगोत्सव का एक भव्य आयोजन भी किया जाता है या फिर कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं।
लखनऊ: भारत त्योहारों का देश है, साल के बारहों महीने त्योहारों की धूम रहती है। भारत के मुख्य त्योहारों में मकर संक्रांति एक है, जो जनवरी के महीने में मनाया जाता है। मकर संक्रांति से ही अन्य त्योहारों की शुरुआत होती। हमारे देश की जो संस्कृति और परंपरायें हैं असल में वही हमारे त्यौहार हैं। यूं तो अन्य त्योहारों की भांति मकर संक्रांति के अवसर पर भी कुछ परंपराओं का पालन किया जाता है।
आस्था की डूबकी भी लगाई जाती है
इस त्यौहार मकर संक्राति के मौके पर प्रयागराज का संगम हो या बनारस के घाट, पवित्र गंगा नदी में स्नान की भी परंपरा है। इस त्यौहार को पंजाब में लोहड़ी और उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति और खिचड़ी भी कहते हैं। वैसे तो इस त्यौहार को अलग प्रदेशों में अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। मकर संक्रांति का मुख्य आकर्षण पतंग है, इस दिन रंग बिरंगी पतंगों से पूरा आसमान भर जाता है।
इस मौके पर पतंग क्यों उड़ाई जाती है
हिंदू धर्मं में मनाये जाने वाले त्यौहार, मकर संक्रांति के मौके पर हर धर्म के लोग पतंगबाजी करते हैं। हर उम्र के लोग पूरे जोश और मस्ती से पतंग उड़ाते हैं, बल्कि कई जगहों पर तो पतंगोत्सव का एक भव्य आयोजन भी किया जाता है या फिर कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। जिसमें पूरे देश के पतंगबाज शामिल होते हैं और अपने दांव−पेचों से अपना ही नहीं दूसरों का भी मनोरंजन करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तव में इस मौके पर पतंग क्यों उड़ाई जाती है। अगर नहीं जानते हैं तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में कुछ रोचक बातें बताते हैं−
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सेहत के लिए बहुत है लाभदायक
-मकर संक्रांति के पर्व पर पतंग उड़ाना सेहत के लिए विशेष रूप से लाभदायी माना गया है। हालांकि पतंग उड़ाने के पीछे कोई धार्मिक पक्ष नहीं है लेकिन फिर भी सेहत को देखते हुए इस दिन पतंग उड़ाना अच्छा माना जाता है।
-अमूमन सर्दी के मौसम में लोग अपने घरों में कम्बल में रहना पसंद करते हैं लेकिन उत्तरायण के दिन अगर कुछ देर धूप के संपर्क में रहा जाए तो इससे शरीर के कई रोग स्वतः ही नष्ट हो जाते हैं।
-वैज्ञानिक कारणों को अगर देखा जाए तो इसके अनुसार, उत्तरायण में सूर्य की गर्मी शीत के प्रकोप व शीत के कारण होने वाले रोगों को समाप्त करने की क्षमता रखती है।
-घर की छतों पर जब लोग पतंग उड़ाते हैं तो सूरज की किरणें एक औषधि की तरह काम करती हैं। शायद इसलिए मकर संक्रांति के दिन को पतंग उड़ाने का दिन भी कहा जाता है।
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पतंग को शुभ, आजादी व खुशी का प्रतीक माना जाता है
बता दें कि मकर सक्रांति के पर्व को बेहद पुण्य पर्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस पर्व से ही शुभ कार्यों की शुरूआत होती है क्योंकि मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य उत्तर की ओर गमन करने लगता है। ऐसे में शुभता की शुरूआत का जश्न मनाने के लिए पतंग का सहारा लिया जाता है। वैसे भी पतंग को शुभता, आजादी व खुशी का प्रतीक माना जाता है, इसलिए स्वतंत्रता दिवस पर भी पतंगें उड़ाई जाती हैं। ठीक इसी तरह, घर में शुभता के आगमन की खुशी में मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की प्रथा है।
पतंग उड़ानें में इन बातों का रखें ख्याल
यूं तो मकर संक्रांति के दिन सभी पतंग उड़ाते हैं और पतंगें अपने साथ खुशी का माहौल लेकर आती हैं, लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए तो खुशी को गम में बदलने में पल भर का भी समय नहीं लगता है इसलिए इन बातों का आपको ख़ास ख़याल रखना चाहिए।
1-सबसे पहले तो पतंग उड़ाते समय किसी सुरक्षित स्थान का ही चयन करें। अगर आप छत पर पतंग उड़ा रहे हैं तो मुंडेर का ध्यान रखें।
2-चाइना के मांझे का प्रयोग न करें और न ही मांझा की धार को तेज करने के लिए बल्ब का चूरा व सरस आदि का प्रयोग करें। यह जानलेवा हो सकता है।
3-पतंग उड़ाने से पहले सनस्क्रीन व गॉगल्स का प्रयोग करें।
4-सूरज की सीधी किरणों का आंखों या त्वचा पर पड़ना हानिकारक हो सकता है।
5- बहुत तेज धूप में पतंग उड़ाने से परहेज करें।
6-पतंग की डोर से अंगुली को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए पतंग उड़ाते समय हाथों में दस्ताने पहनें।
7-पतंग उड़ाते समय अगर वह फट जाए तो उसे तुरंत कूड़े में फेंके।
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