खतरा बनी ये दवाइयां: क्रोनिक पेन में ना देने की दी गई सलाह, रहें सावधान

क्रोनिक पेन में पेरासिटामोल (Paracetamol), आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) और एस्पिरिन (Aspirin) जैसे दवाइंया लेना नुकसानदायक साबित हो सकता है।

Update: 2020-08-04 10:40 GMT
Paracetamol should not be given in chronic pain

नई दिल्ली: क्रोनिक पेन (शरीर में कई हफ्तों से होने वाले दर्द, जिससे रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित होने लगे) में पेरासिटामोल (Paracetamol), आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) और एस्पिरिन (Aspirin) जैसे दवाइंया लेना नुकसानदायक साबित हो सकता है। ये बात ब्रिटेन सरकार के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कही है। ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस (NICE) ने नई गाइडलाइन ड्राफ्ट की है और डॉक्टरों से ये अपील की है कि क्रोनिक पेन के मरीजों को ये दवा ना दी जाए।

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इन दवाओं से हो सकता है नुकसान

NICE के मुताबिक, इन दवाओं से मरीज का स्वास्थ्य बेहतर होने और इनके दर्द या मानसिक समस्या कम करने को लेकर ना के बराबर सबूत मिले हैं। लेकिन इस बात के साक्ष्य जरूर मिले हैं कि ये दवाएं नुकसान साबित हो सकती हैं, जैसे मरीजों को इन दवाओं की लत लग सकती है।

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क्रोनिक पेन से प्रभावित होने का किया गया आकलन

ब्रिटेन की एक तिहाई से लेकर आधी आबादी तक के क्रोनिक पेन से प्रभावित होने का आकलन किया गया है। इनमें से आधे लोग डिप्रेशन की चपेट में भी आ रहे हैं और इनमें से दो तिहाई ऐसे हैं जो इसकी वजह से काम करने में असमर्थ रहे हैं। NICE की गाइडलाइन के मुताबिक, मुख्य तौर से क्रोनिक पेन से जूझ रहे लोगों को कुछ Antidepressants दी जा सकती हैं।

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इन दवाओं के मदद होने के नहीं मिले सबूत

NICE की तरफ से ड्राफ्ट की गईं नई गाइडलाइन के मुताबिक, पेरासिटामोल वाली दवाइयां, जैसे एस्पिरिन, आइबूप्रोफेन, Benzodiazepines या Opioids मरीजों को नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इनके मददगार होने के सबूत नहीं पाए गए हैं। NICE के सेंटर फॉर गाइडलाइंस के डायरेक्टर पॉल क्रिस्प के मुताबिक, सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि क्रोनिक पेन किस तरह से व्यक्ति की लाइफ को प्रभावित कर रही है। इसी के आधार पर बेहतर केयर प्लान तय किया जा सकता है।

ड्राफ्ट गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि इस मुद्दे पर अभी और ज्यादा रिसर्च की जरुरत है, जिससे कि अन्य संभावित ट्रीटमेंट की तलाश की जा सके।

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