Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी ने कहा कि क्रोध से आज तक कभी किसी का मंगल नहीं हुआ है, ये सभी गुणों का नाश कर देगा

Premanand Ji Maharaj Motivational Thoughts: प्रेमानंद जी महाराज जी सोशल मीडिया पर काफी प्रसिद्ध हैं। आज हम भी आपके लिए कुछ बेहतरीन विचार लेकर आये हैं जिनको प्रेमानंद जी महाराज अपने भक्तों के साथ बांटते हैं।

Update:2023-09-06 07:29 IST
Premanand Ji Maharaj Motivational Thoughts (Image Credit-Social Media)

Premanand Ji Maharaj: वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज अपने भक्तों को सद मार्ग पर चलने की सलाह देते हैं उनका मानना है कि जो मनुष्य किसी के साथ छल नहीं करता किसी दूसरे का हक़ नहीं मारता है तो भगवान् भले ही देर से दें उसे फल अवश्य देते हैं। उनका मानना है कि मनुष्य बड़ी जल्दी निराश होकर बैठ जाता है और विचार करता है कि वो तो पूजा भजन और प्रभु की भक्ति में लीन रहता था और कभी किसी के साथ बुरा भी नहीं किया तो उसके साथ बुरा क्यों हुआ? लेकिन महाराज जी कहते हैं जो मनुष्य बुरा होगा जिसके कर्म बुरे होंगे उसे पहले भगवान् इसलिए प्रसन्न रखते हैं क्योकि वो उसके सभी अच्छे कर्मों का फल दे देते हैं और अंत में बस बुरा ही बुरा बचता है इसके बाद जब ठाकुर जी फल देते हैं तो उससे कोई भी बच नहीं सकता है। ऐसे ही विचारों के साथ महाराज जी सोशल मीडिया पर काफी प्रसिद्ध हैं। आज हम भी आपके लिए कुछ बेहतरीन विचार लेकर आये हैं जिनको प्रेमानंद जी महाराज अपने भक्तों के साथ बांटते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज मोटिवेशनल थॉट्स

वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज ने लाखों लोगों को अपने विचारों द्वारा प्रभावित किया है। आज हम आपके लिए उनके विचारों को लेकर आये हैं जिन्हे आप भी अपने आस पास के लोगो, रिश्तेदारों और करीबियों के साथ शेयर कर सकते हैं।

कोई व्यक्ति तुम्हें दुख नहीं देता

तुम्हारे कर्म

उस व्यक्ति के द्वारा

दुख के रूप में प्राप्त होते हैं।

क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है

बजाय यह सोचने के कि

उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है?

हम यह सोचे कि

हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।

क्रोध से आज तक कभी किसी का मंगल नहीं हुआ है

यह आपके समस्त गुणों का नाश कर देता है

इसलिए क्रोध की संगति से दूर रहें।

दुखिया को न सताइए दुखिया देवेगा रोए

दुखिया का जो मुखिया सुने तो तेरी गति क्या होए।

बहुत होश में यह मत सोचो कोई देख नहीं रहा

आज तुम बुरा कर रहे हो

तो तुम्हारे पुण्य खर्चा हो रहे हैं

जिस दिन तुम्हारे पुण्य खर्चे हुए

अभी का पाप और पीछे का पाप मिलेगा

त्रिभुवन में कोई तुम्हें बचाए नहीं सकेगा।

सत्य की राह में चलने वाले की निंदा बुराई अवश्य होती है

इससे घबराना नहीं चाहिए

यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है

जहां आपके लिए निंदा और बुराई हो

वहां आपके बुरे कर्मों का नाश हो जाता है।

स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो

यह जीवन जैसा भी है उनका दिया हुआ है

तुम्हारे पास जितने भी साधन संसाधन है

वह उनकी कृपा का प्रभाव है

तुम जिसका भोग कर रहे हो वह सब ईश्वर का है

ऐसे विचार के साथ कर्म करो,

जीवन यापन करो जीवन सुखमय होगा।

जब व्यक्ति का ध्यान प्रभु भागवत में लग जाता है

तब वह मोह से मुक्त होकर कार्य करता है,

गोविंद की कृपा से मोह का नाश होता है

और आनंदमय जीवन की प्राप्ति होती है।

देह भाव ही मोह है

जो अपने शरीर की सुंदरता को देखता है

वह ईश्वर की सुंदरता से विमुख हो जाता है।

आपका चंचल मन बिना बात के भी

बात की रचना कर सकता है

आपके मन के भीतर विषाद भर सकता है

इसलिए अपने चंचल मन को नियंत्रित करो

अपने गुरु के सानिध्य में रहकर

अपने मन को वश करने की उक्ति को जानो।

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