Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि दुःखी व्यक्ति को अगर आप सताएँगे तो भगवान् आपको कभी क्षमा नहीं करेगा
Premanand Ji Maharaj Motivation: प्रेमानंद जी प्रभु भक्ति को ही मनुष्य के पापों के नाश का एक मुख्य रास्ता मानते हैं। उनका मानना है कि अगर व्यक्ति प्रभु भक्ति में लीन है तो उसके पापों को ईश्वर माफ़ कर भी देता है लेकिन नास्तिक मनुष्य को कोई भी माफ़ नहीं करता। आइये उनके ऐसे ही और विचारों को जानते हैं।
Premanand Ji Maharaj Motivation: श्री हित प्रेमानंद बाबा जी के विचारों से अगर आप भी प्रभावित हैं और उन्हें बार बार सुनना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि उनके सुविचार हमेशा से ही लोगों के लिए प्रेरणा स्र्तोत रहे हैं। वो हमेशा से आगे बढ़ने और कुछ नया करने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं साथ ही वो राधा रानी के परम भक्त भी हैं और लोगों को भी उनकी भक्ति के मार्ग से ही सद्बुद्धि मिलने का रास्ता वाली बात पर पूर्ण विश्वास है। उनके भक्त उनकी बातों को पूरी श्रद्धा के साथ आत्मसात करते हैं ऐसे में हम आज महाराज प्रेमानंद जी के अनमोल विचारों को साझा करने जा रहे हैं।
महाराज प्रेमानंद जी के प्रेरणादायक विचार
प्रेमानंद जी प्रभु भक्ति को ही मनुष्य के पापों के नाश का एक मुख्य रास्ता मानते हैं। उनका मानना है कि अगर व्यक्ति प्रभु भक्ति में लीन है तो उसके पापों को ईश्वर माफ़ कर भी देता है लेकिन नास्तिक मनुष्य को कोई भी माफ़ नहीं करता। आइये उनके ऐसे ही और विचारों को जानते हैं।
कोई व्यक्ति तुम्हें दुख नहीं देता
तुम्हारे कर्म
उस व्यक्ति के द्वारा
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दुख के रूप में प्राप्त होते हैं।
क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है
बजाय यह सोचने के कि
उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है?
हम यह सोचे कि
हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।
क्रोध से आज तक कभी किसी का मंगल नहीं हुआ है
यह आपके समस्त गुणों का नाश कर देता है
इसलिए क्रोध की संगति से दूर रहें।
दुखिया को न सताइए दुखिया देवेगा रोए
दुखिया का जो मुखिया सुने तो तेरी गति क्या होए।
बहुत होश में यह मत सोचो कोई देख नहीं रहा
आज तुम बुरा कर रहे हो
तो तुम्हारे पुण्य खर्चा हो रहे हैं
जिस दिन तुम्हारे पुण्य खर्चे हुए
अभी का पाप और पीछे का पाप मिलेगा
त्रिभुवन में कोई तुम्हें बचाए नहीं सकेगा।
सत्य की राह में चलने वाले की निंदा बुराई अवश्य होती है
इससे घबराना नहीं चाहिए
यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है
जहां आपके लिए निंदा और बुराई हो
वहां आपके बुरे कर्मों का नाश हो जाता है।
स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो
यह जीवन जैसा भी है उनका दिया हुआ है
तुम्हारे पास जितने भी साधन संसाधन है
वह उनकी कृपा का प्रभाव है
तुम जिसका भोग कर रहे हो वह सब ईश्वर का है
ऐसे विचार के साथ कर्म करो,
जीवन यापन करो जीवन सुखमय होगा।