Sawan 2024: भगवान् शिव को भूलकर भी न चढ़ाएं ये चीज़ें, रुष्ट हो सकते हैं महादेव

Sawan 2024: सावन का महीना है ऐसे में शिवलिंग पर शिवभक्त कई चीज़ीं चढाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ चीज़ीं भोलेनाथ को चढाने से वो बेहद नाराज़ हो जाते हैं।

Newstrack :  Network
Update: 2024-08-04 06:48 GMT

Sawan 2024 (Image Credit-Social Media)

Sawan 2024: सावन का महीना है और ऐसे में आपको ध्यान रखना होगा कि आप भूलकर भी कुछ चीज़ें भोलेनाथ को न चढ़ाएं नहीं तो भोले नाथ आपसे नाराज़ हो सकते हैं। वहीँ कई लोग जाने अनजाने में शिवलिंग पर कुछ चीज़ें अर्पित कर देते हैं। जिससे महादेव नाराज़ हो सकते हैं। वहीँ आपको बता दें कि शिव पुराण के अनुसार भगवान् शिव को कुछ चीज़ें नहीं चढ़ानी चाहियें। आइये जानते हैं महादेव को क्या क्या अर्पित नहीं करना चाहिए।

भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवभक्त सवाब के महीने में उन्हें तरह तरह से अपनी भक्ति दिखाते हैं कोई सवान के सोमवार के व्रत रखता है तो कोई प्रतिदिन शिवलिंग पर जल या अन्य सामग्री अर्पित करता है। लेकिन शायद ही आपको पता हो कि शिवलिंग पर आपको कुछ चीज़ें चढाने से पहले जान लेना चाहिए कि आप इसे शिवजी पर चढ़ाएं या न चढ़ाए क्योंकि शिवपुराण के अनुसार भोलेनाथ पर कुछ चीज़ें नहीं चढ़ानी चाहियें क्योंकि इससे भोलेनाथ नज़र हो सकते हैं।

हल्दी

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हिंदी धर्म में हल्दी को बेहद शुभ माना जाता है इतना ही नहीं हर पूजन कार्य में भी हल्दी का विशेष महत्त्व है। लेकिन भगवान् शिव की पूजा में हल्दी का प्रयोग वर्जित है। हल्दी को कई तरह के सौंदर्य प्रसाधनों में भी प्रयोग किया जाता है। वहीँ शास्त्रों में हल्दी को स्त्रियों से सम्बंधित माना गया है। इसीलिये भगवान् की आराधना करते समय हल्दी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

तुलसी

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 हिन्दू धर्म में तुलसी को भी बेहद पवित्र माना जाता है। सभी पूजा पाठ में तुलसी का प्रयोग अवश्य किया जाता है। लेकिन वहीँ भगवान् शिव की पूजा करते समय तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता। इसकी वजह है कि भगवान् शिव ने तुलसी के पति असुर जालंधर का वध कर दिया था, जिसके बाद क्रोधित होकर तुसली ने खुद को भगवान् शिव की पूजा से स्वयं को वंचित कर लिया था।

शंख से जलाभिषेक न करें

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 ऐसी मान्यता है कि भगवान् शिव की पूजा के समय शंख का प्रयोग नहीं किया जाता न ही उससे जलाभिषेक किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कहा जाता है कि दैत्य शंखचूड जिनसे सभी देवी देवता परेशान थे उसका वध भगवान् शिव ने किया था और उसी के शरीर की भस्म से शंख की उत्पत्ति हुई। वहीँ महादेव द्वारा दैत्य शंखचूड का वध किये जाने की वजह से उनकी पूजा में शंख का प्रयोग नहीं किया जाता है।

नारियल का तेल

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भगवान् शिव को उनके भक्त गन्ने का रस, दूध, शहद, दही ये सभी चीज़ें अर्पित करते हैं। लेकिन नारियल तेल या नारियल का पानी उन्हें नहीं अर्पित किया जाता है। दरअसल देवताओं पर चढ़ाई गयी चीज़ें स्वयं ग्रहण करना आवशयक होता है लेकिन शिवलिंग पर चढ़ाई चीज़ीं ग्रहण कनही की जातीं। यही वजह है कि शिवलिंग पर नारियल का तेल या उसका पानी अर्पित नहीं किया जाता।

केतकी, केवड़े और लाल रंग के फूल चढ़ाना वर्जित

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शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग पर केतकी, कनेर या लाल रंग के फूल नहीं चढाने चाहिए। साथ ही उन्हें कमल भी अर्पित नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा आप भगवान् शिव पर अन्य कोई भी फूल अर्पित कर सकते है। उन्हें फूलों के साथ बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार का फूल भी अर्पित किया जाता है। जिससे महादेव प्रसन्न होते हैं।

कुमकुम, सिंदूर व रोली वर्जित

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जहाँ सभी अन्य देवी देवताओं को कुमकुम, सिंदूर व रोली लगाई व चढ़ाई जाती है वहीँ महादेव की पूजा में ये सभी वर्जित हैं। क्योंकि हल्दी की तरह इसमें भी स्त्री तत्व है। यही वजह है कि कुमकुम, सिन्दूर और रोली शिवलिंग पर अर्पित नहीं की जाती है। शिवलिंग पर चन्दन और भस्म ला प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही साथ आपो बता दें कि जब आप शिवलिंग पर जल चढ़ाएं तो इसके लिए आप कांसे, अष्टधातु या पीतल के बर्तन या लोटे का प्रयोग करें लोहे या स्टील के बर्तन से कभी भी शिवलिंग पर जल न चढ़ाएं।

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