World Organ Donor Day 2023: अंगदान है सबसे बड़ा जीवनदान, जानिए विश्व अंगदान दिवस का इतिहास और महत्त्व

World Organ Donor Day 2023: विश्व अंगदाता दिवस को हर साल 13 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन अंगदान की महत्वपूर्णता को जागरूक करने का उद्देश्य रखता है और लोगों को अपने अंगदान के महत्व के बारे में सोचने और चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

Update:2023-08-13 07:22 IST
World Organ Donation Day 2023 (Photo: Social Media)

World Organ Donor Day 2023: विश्व अंगदान दिवस को हर साल 13 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन अंगदान की महत्वपूर्णता को जागरूक करने का उद्देश्य रखता है और लोगों को अपने अंगदान के महत्व के बारे में सोचने और चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह एक अवसर है जब लोग अपने जीवन का अंश दूसरों को देने के बारे में सोचते हैं और इससे किसी अन्य व्यक्ति के जीवन को बचाने का मौका मिलता है। यह दिन विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों, शिक्षा के आयोजनों और जागरूकता मुहिमों के साथ मनाया जाता है ताकि लोग अंगदान के महत्व को समझ सकें और सकारात्मक रूप से योगदान कर सकें।

विश्व अंगदान दिवस का इतिहास

विश्व अंगदान दिवस पहली बार 2005 में मनाया गया था। पहला अंग दान 1954 में किया गया था, जब रोनाल्ड ली हेरिक ने अपने जुड़वां भाई को अपनी किडनी दान की थी। सर्जरी सफल रही और भाई दान की गई किडनी के साथ 8 साल तक जीवित रहा।

कौन है भारत की पहली अंगदाता

भारत में प्रथम अंगदाता को व्यापक रूप से ललिता रघुराम के रूप में जाना जाता है। 1994 में, वह देश की पहली रिकॉर्डेड जीवित अंग दाता बन गईं, जब उन्होंने अपने पति डॉ. रघुराम को किडनी दान की। इस निस्वार्थ कार्य ने भारत में अंग दान और प्रत्यारोपण के बारे में जागरूकता फैलाई और देश में मृतक और जीवित अंग दान कार्यक्रमों के विकास को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विश्व अंगदान दिवस का महत्त्व

विश्व अंगदान दिवस का महत्व विभिन्न कारणों से है:

1) जीवन को बचाने का माध्यम: यह दिन लोगों को जागरूक करने में मदद करता है कि उनके अंगदान से कितने लोगों की जिन्दगी बच सकती है।

2) जागरूकता फैलाना: विश्व अंगदाता दिवस जनता को अंगदान की महत्वपूर्णता के बारे में जागरूक करने का मौका प्रदान करता है। यह उन्हें उनके सामाजिक यथार्थ के साथी को मदद करने के लिए सहयोगी तरीके से योगदान करने की प्रेरणा देता है।

3) योगदान के महत्व को समझाना: इस दिन के माध्यम से लोगों को यह समझाया जाता है कि उनके अंगदान से उनके आस-पास के लोगों को कितना बड़ा योगदान मिल सकता है।

4) अंगदान की बढ़ती मांग: यह दिन अंगदान के लिए लोगों की जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है और उन्हें इस महत्वपूर्ण कार्य में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

5) विभिन्न सामाजिक समस्याओं का समाधान: अंगदान द्वारा विभिन्न सामाजिक समस्याओं का समाधान हो सकता है, जैसे कि अंगविकलांगता, रोगों के इलाज के लिए अंगप्रतिस्थान आदि।

विश्व अंगदान दिवस का उद्देश्य

इस दिन का उद्देश्य अंगदान के बारें में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन सभी अंगदाताओं को उनके जीवन रक्षक योगदान के लिए धन्यवाद देना है।

विश्व अंगदान दिवस 2023 की थीम 

“स्वयंसेवक की ओर कदम बढ़ाएँ; कमी को पूरा करने के लिए अधिक अंग दाताओं की आवश्यकता है।'' विषय स्थानीय जनता से अंग दान की प्रतिज्ञा केमहत्व पर जोर देने के वैश्विक आह्वान पर केंद्रित है, जिससे किसी अंग की आवश्यकता के लिए जुटाई जाने वाली मात्रा में कमी आती है।

कौन बन सकता है एक अंगदाता

1) आयु और स्वास्थ्य: अंगदान के लिए व्यक्ति की आयु और स्वास्थ्य की अच्छी स्थिति होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिएहोता है कि उनके अंगदान के बाद वे खुद को भले तरीके से संभाल सकें।

2) मेडिकल एलिजिबिलिटी: अंगदान के लिए कुछ मेडिकल एलिजिबिलिटी की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि किसी विशिष्टरोग की अनुमति नहीं होनी चाहिए।

3) स्वेच्छाचारी इच्छाशक्ति: एक अंगदाता बनने के लिए स्वेच्छाचारी इच्छाशक्ति और समर्पण की आवश्यकता होती है। यह व्यक्तिके साथी लोगों के लिए उनके जीवन का महत्वपूर्ण योगदान करने की तैयारी आवश्यक बनाता है।

4) मानसिक सहनशीलता: अंगदान का प्रक्रिया मानसिक और भावनात्मक तौर पर भी मुश्किल हो सकता है। इसलिए, व्यक्ति को इसप्रक्रिया के लिए तैयार होने की भावना और मानसिक सहनशीलता होनी चाहिए।

5) समर्थन प्राप्त करना: अंगदान के लिए परिवार और साथी लोगों का समर्थन प्राप्त करना होता है।

6) कानूनी प्रक्रिया: अंगदान की प्रक्रिया में कानूनी निर्णयों और दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक हो सकता है।

 

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