Pet Animals Fees Hike: लखनऊ विकास प्राधिकरण ने बढ़ायी पालतू जानवर पालने की लाइसेंसे फ़ीस, जानिए क्या नए रेट
Pet Animals Fees Hike: लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा घर में कुत्ते पालने और पालतू जानवरों की लाइसेंस फीस को बढ़ाया गया है।
Pet Animals Fees Hike: लखनऊ विकास प्राधिकरण के नियमों द्वारा एक घर में दो पालतू कुत्तों से अधिक रखने की अनुमति नहीं है। साथ ही पालतू जानवर पालने की लाइसेंस फीस भी तीन गुना बढ़ा दी गई है। अब पालतू जानवर पालना महंगा हो चुका है। अब अधिक नियम कणों के साथ ही जानवर को पल सकेंगे वार्ना सजा होगी। अब पालतू जानवर पालना महंगा हो चुका है। पालतू जानवर पालने कि लाइसेंस फीस को लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा तीन गुना बढ़ा दिया गया। पहले विदेशी नस्ल का कुत्ता पलने के लिए 300 से 500 रुपए लगते थे वही अब 500 से 1000 रुपये तक लगेंगे।
क्या है पालतू जानवर पालने के नए दाम
लखनऊ विकास प्राधिकरण की नई पॉलिसी के अनुसार कुत्ते की विदेशी नस्ल पालने के लिए मालिको को सालाना 1000 रुपए देने होगे। पूर्व में मालिको को कुत्ते की बड़ी विदेशी नस्ल पाने के लिए सालाना 500 रुपए और छोटी विदेशी नस्ल के लिए सालाना 300 रुपय देने होते थे। कुत्ते की देसी नस्ल को पालने के लिए पुराने दाम ही लागू होगे जो सालाना 200 रुपए है। घर में गाय पालने के लिए मालिकों को साला 500 रुपए देने होगे। एक घर में केवल दो ही गाय पानी जा सकती है। गाय पालने के लिए मालिक के घर में गाय के लिए उचित व्यवस्था और जगह होनी आवश्यक है। इसके पूर्व गाय पालने का सालाना 32 रुपए देने होते थे। लगभग 35 वर्षों बाद इस दाम में संशोधन किया गया है।
विशेषज्ञों का कहना
लखनऊ विकास प्राधिकरण के पशु चिकित्सक डॉ अभिनव वर्मा का कहना है “लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा समय समय पर सभी घरी की चैकिंग की जाएगी और यह सुनिश्चित होगा कि नए नए नियम के अनुसार जानवर पाले जा रहे हैं या नहीं ।” राज्य सरकार के नियमों के अनुसार आने वाले दिनों में जानवर पालने की संख्या को नियंत्रित किया जाएगा। घर के एरिया के अनुसार ही मालिक पालतू जानवर पाल सकेंगे। डॉ वर्मा आगे कहते है “167 स्क्वेर मीटर के एक घर में मालिक केवल दो कुत्ते ही पाल सकते है। 250 स्क्वेयर मीटर के घर में मेरे को चार कुत्ते रखने की अनुमति है।”
घर में पालतु कुत्ते रखने की संख्या के कारण
घर में पालतू कुत्ते रखने की संख्या को जो है कहती थी नियंत्रित किया गया है ताकि कुत्तों को खुली जगह में रहने की आजादी मिले और सही तरह से उनका विकास हो सके। डेयरी खोलने के लिए मालिको को शहर के बाहर ही जमीन लेने की अनुमति है। शहर के बीच में डेरी खोलने की किसी भी व्यक्ति अनुमति नहीं है।