Rewa News: ‘बाहरी’ का आना भाजपाइयों को नहीं पसंद, जानिए सेमरिया क्षेत्र के सियासी समीकरण
Rewa News: अभय मिश्रा को सेमरिया विधानसभा से कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकट न दिये जाने के बाद वो टिकट पाने की आस लिए तुरंत पाला बदलते हुए भाजपा में आ गए, लेकिन पुराने भाजपाइयों को ये रास नहीं आ रहा है।
Rewa News: कांग्रेस पार्टी से निष्कासित पूर्व विधायक अभय मिश्रा की मुश्किलें कम होती दिखाई नहीं दे रही हैं। अभय मिश्रा को सेमरिया विधानसभा से कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकट न दिये जाने के बाद वो टिकट पाने की आस लिए तुरंत पाला बदलते हुए भाजपा में आ गए, लेकिन पुराने भाजपाइयों को ये रास नहीं आ रहा है।
कभी हुआ करते थे भाजपा के विरोधी
राजनीति के मैदान में अभय मिश्रा कभी भाजपा के बड़े विरोधी हुआ करते थे। वो 2018 का विधानसभा चुनाव में घूम-घूमकर रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला पर कीचड़ उछालने और पार्टी की छवि धूमिल करने का काम करते नजर आते थे, लेकिन अब उन्होंने वही कमल थाम लिया है।
भाजपाइयों को हजम नहीं हो रहे बाहरी
बीते पांच साल में सेमरिया विधानसभा क्षेत्र में जिस कदर विरोधी नेताओं द्वारा भाजपा को बदनाम किया गया है, उसकी खटास किसी पुराने भाजपाई के दिल से नहीं निकल रही है। सेमरिया विधानसभा के न तो मंडल अध्यक्ष ही अभय मिश्रा को भाजपा का नेता मान रहे और न ही वहां का एक भी कार्यकर्ता अभय मिश्रा की परछाई तले जाने के लिए तैयार हो रहा है। कहा जा रहा है कि इससे आहत रीवा जिले के कुछ बड़े भाजपा नेता दिल का मलाल सुनाने भोपाल की ओर कूच कर गए।
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ये उस वक्त हुआ जब पूर्व विधायक अभय मिश्रा का भोपाल में भाजपा में शामिल होने के बाद रीवा आगमन में हुआ। एक ओर जहां भाजपा के अटलकुंज कार्यालय में भाजपा के जिलाध्यक्ष अजय सिंह पटेल पूर्व विधायक अभय मिश्रा सहित उनकी धर्म पत्नी का स्वागत कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर रीवा जिले के कुछ दिग्गज नेता भोपाल जाने के लिए अपना सूटकेस तैयार करते रहे और शाम ढलते ही भोपाल की ओर अभय मिश्रा के विरोधियों का एक जत्था निकल गया।
टिकट की दावेदारी पर उठ सकता है विवाद
यह अलग बात है कि भाजपा में व्यक्ति विशेष नहीं संगठन काम करता है और संगठन के इशारे पर सभी नेता चलते हैं। इसी मंशा से बाहरी इस पार्टी में घुसने में कोशिश करते रहते हैं। वैसे संगठन तो कांग्रेस में भी है और संगठन पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए गाइड लाइन भी जारी करता है। माना जा रहा है कि वर्ष 2023 के चुनाव में अभय मिश्रा विधायक बनने की दौड़ में है। चर्चाओं में बताया कि पूर्व विधायक अभय मिश्रा ने कांग्रेस में दाल गलते न देख गोपनीय तरीके से बीएसपी से टिकट लेने का प्रयास किया था।
लेकिन वर्षों से बसपा से जुड़े पंकज सिंह पटेल के आगे उनकी दाल नहीं गली। तो उनको आखिरी रास्ता और शिखर पर पहुंची भाजपा पार्टी ही विधायक बनने का रास्ता दिखाई दी और प्रदेश अध्यक्ष के रास्ते भाजपा में सदस्यता ले ली। राजनीति के पुरोहित बताते है कि हाल ही में पार्टी में वापसी होने की वजह से पूर्व विधायक अभय मिश्रा को सेमरिया से टिकट दिये जाने पर पार्टी में लंबा विरोध हो सकता है।