Sidhi Peshab Kand: मध्य प्रदेश पेशाब कांड ने बढ़ाई बीजेपी की मुसीबत, कांग्रेस को बैठे बिठाए फायदा

Sidhi Peshab Case: एक आदिवासी व्यक्ति के ऊपर एक ब्राह्मण युवक द्वारा पेशाब करने की घृणित घटना से पूरा राजनीतिक एजेंडा ही बदल गया है.

Update:2023-07-05 15:16 IST
Sidhi Peshab Case (Image: Social Media)

Sidhi Peshab Case: मध्य प्रदेश का पेशाब कांड बीजेपी के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है. मध्य प्रदेश में अक्टूबर - नवंबर में विधान सभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस यहां बीजेपी को कड़ी चुनौती दे रही है. हाल ही में हुए कुछ चुनाव सर्वे में दोनों दलों में बराबर की टक्कर दिखाई गई है. कुछ हद तक फिलहाल कांग्रेस को बढ़त ही देखने को मिल रही है. ऐसे में एक आदिवासी व्यक्ति के ऊपर एक ब्राह्मण युवक द्वारा पेशाब करने की घृणित घटना से पूरा राजनीतिक एजेंडा ही बदल गया है. ऊपर से दोषी का बीजेपी कनेक्शन भी सामने आ रहा है.

मध्य प्रदेश में आदिवासियों की संख्या सर्वाधिक, चुनाव में बड़ी भूमिका

मध्य प्रदेश में आदिवासियों की जनसंख्या कुल जनसंख्य़ा की 22 फीसदी है, जो कि देश में किसी भी राज्य में सर्वाधिक है. विधान सभा की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित हैं. आदिवासी वोटरों का असर इससे कहीं अधिक सीटों पर है. 2018 में कांग्रेस को 47 में से 30 सीटों पर जीत मिली थी. मध्य प्रदेश में आदिवासी कभी बीजेपी और कभी कांग्रेस के साथ आते रहे हैं. जिस भी दल के साथ आदिवासी ज्यादा संख्या में आते हैं उसी की सरकार भी बनती है. यही वजह है कि आदिवासियों को लुभाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस में होड़ मची रहती है.

कांग्रेस इस बड़े मुद्दे पर आक्रामक है

कांग्रेस इस घटना को आदिवासियों के साथ साथ दलितों के उत्पीड़न से भी जोड़ रही है. मध्य प्रदेश में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 16 फीसदी है. यानि एसी सी और एसटी वोटर कुल मिलाकर 38 फीसदी हैं. यदि चुनाव तक कांग्रेस इस घटना से उत्पन्न आक्रोश को बनाए रखती है तो उसे बड़ा फायदा हो सकता है.

कानून व्यवस्था पर घिर रही है शिवराज सरकार

बीते कुछ दिनों से शिवराज सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घिर रही है. बीजेपी की चिंता की बात है कि एंटी इनकम्बंसी फैक्टर को कैसे रोका जाए. जाहिर तौर पर पांच साल तक सत्ता में रहने वाले दल से कई लोगों की नाराजगी बढ़ जाती है. और जब चुनाव से पहले एक बड़े समुदाय से जुड़ी बड़ी घटना हो जाए तो उसके बाद संभलना मुश्किल होता है.

आदिवासियों पर अत्याचार के मामले बढ़े हैं

शिवराज सिंह सरकार के लिए चिंता की बात यह भी है कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों अर्थात आदिवासियों पर अत्याचार के मामले बढ़े हैं. सरकार को विपक्ष के आरोपों का जवाब देने में बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार 2020 में देश में अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ अत्याचार के कुल 8272 मामले दर्ज किए गए जो 2019 की तुलना में 9.3 फीसदी अधिक थे. इन मामलों में सबसे अधिक मामले मध्य प्रदेश से थे, जहां कुल मामलों के 29 फीसदी मामले सामने आए थे. एनसीआरबी के अनुसार देशभर में आदिवासियों के खिलाफ जुल्म के करीब 10302 मामले अदालतों में लंबित हैं. अदालतों की धीमी प्रक्रिया से भी आदिवासियों में निराशा घर कर रही है.

चुनाव तक चलेगा ये मुद्दा

मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने हालांकि इस घटना पर कड़ी कार्रवाई की है और वह इससे उपजे आक्रोश को शांत करने का प्रयास कर रही है. लेकिन जिस तरह से कांग्रेस इस घटना को लेकर आक्रामक है उससे फिलहाल चुनाव तक ये मामला शांत होता हुआ नहीं दिख रहा है.

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