MP Election 2023: मध्य प्रदेश में कैलाश विजयवर्गीय बढ़ाएंगे शिवराज की मुसीबत, टिकट पाने के बाद सीएम पद को लेकर किया बड़ा इशारा
MP Assembly Election 2023: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय ने कहा कि वे सिर्फ विधायक बनने के लिए चुनाव मैदान में नहीं उतर रहे हैं। अगर वे चुनाव जीतने में कामयाब रहे तो सिर्फ विधायक पद पर ही तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
MP Assembly Election 2023: भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय को प्रत्याशी बनाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुसीबत बढ़ा दी है। दरअसल प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अब विजयवर्गीय की निगाहें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर गड़ गई हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने खुद के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने का संकेत दिया।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय ने कहा कि वे सिर्फ विधायक बनने के लिए चुनाव मैदान में नहीं उतर रहे हैं। अगर वे चुनाव जीतने में कामयाब रहे तो सिर्फ विधायक पद पर ही तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। विजयवर्गीय ने कहा कि पार्टी नेतृत्व की ओर से बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद वे बड़ा काम करने में कामयाब होंगे।
भाजपा ने नहीं घोषित किया सीएम चेहरा
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर क्षेत्र-एक से चुनाव मैदान में उतारा है। विजयवर्गीय को विधानसभा चुनाव में उतारने के कदम पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी हैरानी जताई थी। विजयवर्गीय के चुनाव मैदान में उतरने की कोई संभावना नहीं थी मगर भाजपा की सूची में उनका नाम देखकर सारे लोग चकित रह गए थे। अब विजयवर्गीय पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने की बात कह कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुसीबत बढ़ा रहे हैं।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि नवंबर-दिसंबर में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से किसी भी नेता को मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं घोषित किया गया है। पार्टी नेतृत्व की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है।
हाल के दिनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई मौका पर ऐसे बयान दिए हैं जिससे इस बात का संकेत मिला है कि वे भाजपा के चुनाव जीतने की स्थिति में मुख्यमंत्री पद पर अपनी ताजपोशी को लेकर निश्चित नहीं है। ऐसे में विजयवर्गीय के बयान को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सिर्फ विधायक पद तक नहीं रहूंगा सीमित
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजयवर्गीय ने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक के दौरान खुद के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने का संकेत दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे सिर्फ विधायक पद तक ही सीमित नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद मैं भोपाल से इशारा करूंगा और मेरे विधानसभा क्षेत्र में सारा काम हो जाएगा। इस बीच कार्यकर्ताओं की ओर से उन्हें मध्य प्रदेश का भावी मुख्यमंत्री भी बताया गया।
उनके समर्थन में कार्यकर्ताओं की ओर से नारेबाजी भी की गई। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भाजपा नेतृत्व की ओर से कैलाश विजयवर्गीय को दस साल बाद चुनावी अखाड़े में उतारा गया है। चुनाव मैदान में उतारे जाने के बाद विजयवर्गीय अपनी चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए क्षेत्र में प्रचार में भी जुट गए हैं।
सीएम पद की सौंपी जा सकती है कमान
इस बाबत भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि विजयवर्गीय को 2014 से हरियाणा और पश्चिम बंगाल में पार्टी प्रभारी की बड़ी भूमिका सौंपी गई थी। अब लंबे समय बाद वे मध्य प्रदेश की सियासत में लौटे हैं तो उन्हें पार्टी नेतृत्व की ओर से मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी जा सकती है।
हालांकि भाजपा नेतृत्व की ओर से कैलाश विजयवर्गीय के अलावा नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी चुनाव मैदान में उतारा गया है।
शिवराज के बयान ने सबको किया हैरान
भाजपा नेतृत्व ने सीएम पद को लेकर अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा बयान देकर सबको हैरान कर दिया था। उनका कहना था कि मैं जब चला जाऊंगा तो सबको बहुत याद आऊंगा। शिवराज के इस बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश के मौजूदा सियासी माहौल को देखकर इतना तो तय है कि भाजपा के चुनाव जीतने की स्थिति में मुख्यमंत्री पद का फैसला करना भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के लिए भी आसान काम नहीं होगा। इस बीच चुनाव से पहले कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा इशारा करके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुसीबत जरूर बढ़ा दी है।