MP Election 2023: तीन मंत्रियों की ताजपोशी से शिवराज ने साधा चुनावी समीकरण, तीन इलाकों की 70 सीटें जीतने का BJP का टारगेट

MP Election 2023: मध्य प्रदेश में राजेंद्र शुक्ल, गौरीशंकर सिंह बिसेन और राहुल लोधी की ताजपोशी काफी मंथन के बाद की गई है। इन तीनों मंत्रियों की ताजपोशी के जरिए भाजपा ने विंध्य, महाकौशल और बुंदेलखंड क्षेत्र की 94 में से 70 से अधिक सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

Update:2023-08-27 09:55 IST
MP Election 2023 (Photo: Social Media)

MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से और पहले शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार चुनावी समीकरण साधने की कोशिश माना जा रहा है। लंबे समय से चल रही अटकलों के बाद शनिवार को भाजपा के तीन वरिष्ठ नेताओं की मंत्री के रूप में ताजपोशी हो गई। इन तीन मंत्रियों के शपथग्रहण के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी समीकरण साधने की कोशिश की है। मंत्रियों के चयन में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन का भी पूरा ख्याल रखा गया है।

मध्य प्रदेश में राजेंद्र शुक्ल, गौरीशंकर सिंह बिसेन और राहुल लोधी की ताजपोशी काफी मंथन के बाद की गई है। इन तीनों मंत्रियों की ताजपोशी के जरिए भाजपा ने विंध्य, महाकौशल और बुंदेलखंड क्षेत्र की 94 में से 70 से अधिक सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने भी इस इलाके में अपनी ताकत दिखाई थी और इस कारण भाजपा इस बार सतर्क रुख अपना रही है।

कांग्रेस की कड़ी चुनौती से भाजपा हुई सतर्क

मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा की जंग बन गया है। जहां एक ओर भाजपा विधानसभा चुनाव जीत कर 2024 की मजबूत सियासी जमीन तैयार करने की कोशिश में जुटी हुई है,वहीं दूसरी ओर कांग्रेस कमलनाथ की सरकार गिराने के अपमान का बदला लेना चाहती है। यही कारण है कि दोनों दलों ने इस बार के विधानसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। कांग्रेस की चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकार के आखिरी दिनों में तीन वरिष्ठ नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है।

इन तीन मंत्रियों के जरिए भाजपा ने तीन क्षेत्रों के चुनावी समीकरण को साधने की कोशिश की है। भाजपा के समीकरण को इसी से समझा जा सकता है कि विंध्य क्षेत्र से राजेंद्र शुक्ल, महाकौशल से गौरीशंकर बिसेन ओर बुंदेलखंड से राहुल सिंह लोधी को मंत्री बनाया गया है। इन तीनों क्षेत्रों में विधानसभा की कुल 94 सीटें हैं और इस कारण इन क्षेत्रों पर भाजपा ने नजरे गड़ा रखी हैं।

शिवराज ने साधा जातीय समीकरण

मौजूदा समय में भाजपा के पास इन तीनों क्षेत्रों की 94 में से 54 सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने इन तीनों क्षेत्रों में भाजपा को कड़ी चुनौती देते हुए 39 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की थी। इस बार भाजपा ने इन तीनों क्षेत्रों में 70 से ज्यादा सीटें जीतने का टारगेट तय कर रखा है। माना जा रहा है कि इसीलिए चुनाव से पूर्व शिवराज सरकार के आखिरी मंत्रिमंडल विस्तार में तीनों क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है।
तीनों नेताओं का संबंध अलग-अलग क्षेत्रों से है और इस तरह भाजपा ने क्षेत्रीय संतुलन साधना का प्रयास किया है। इसके साथ ही जातीय समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा गया है। शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में सामान्य और ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश भी की गई है। शुक्ल सामान्य वर्ग से हैं, जबकि बिसेन और लोधी दोनों ओबीसी वर्ग से मंत्री बनाए गए हैं। इस तरह भाजपा ने ब्राह्मणों के साथ ही ओबीसी वोट बैंक को भी अपने पाले में लाने का प्रयास किया है।

ब्राह्मण और ओबीसी मतदाताओं पर नजर

बुंदेलखंड क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले राहुल लोधी के जरिए भाजपा ने राज्य के नौ फीसदी लोधी मतदाताओं पर नजर गड़ा रखी हैं। लोधी मतदाताओं का राज्य की 40 से अधिक सीटों पर असर माना जाता है और इसके जरिए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की नाराजगी दूर करने का भी प्रयास किया गया है। विंध्य क्षेत्र के ब्राह्मण समाज में राजेंद्र शुक्ल को बड़ा चेहरा माना जाता रहा है। पिछले चुनाव में भाजपा ने इस इलाके में 30 में से 24 सीटें जीती थीं मगर फिर भी मंत्री पद न मिलने के कारण कार्यकर्ताओं और आम लोगों में नाराजगी दिख रही थी जिसे दूर करने का प्रयास किया गया है।
राजेंद्र शुक्ल की ताजपोशी को नाराज ब्राह्मणों को मनाने की कवायद के रूप में भी देखा जा रहा है। ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखने वाले गौरी शंकर सिंह बिसेन महाकौशल इलाके के दमदार नेता माने जाते हैं। सात बार विधायक का चुनाव जीत चुके बिसेन की मंडला, बालाघाट और डिंडोरी इलाके में मजबूत पकड़ मानी जाती है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में भी ओबीसी मतदाताओं की काफी संख्या है। सियासी जानकारों का मानना है कि इसी कारण ज्यादा उम्र हो जाने के बावजूद बिसेन को मंत्री बनाकर कई सीटों पर पार्टी के समीकरण दुरुस्त करने की कोशिश की गई है।

तीनों क्षेत्रों का सियासी समीकरण

मौजूदा समय में महाकौशल इलाके की 38 में से सिर्फ 13 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। इस तरह बिसेन की ताजपोशी भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। विंध्य की 30 में से 24 सीटों पर भाजपा का कब्जा है और भाजपा इस इलाके में अपनी ताकत बनाए रखना चाहती है। बुंदेलखंड की 26 सीटों में से 17 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। इस तरह तीनों इलाकों को मिलाकर भाजपा के पास कुल 54 सीटें हैं मगर अब भाजपा ने इस बार के विधानसभा चुनाव में इन तीन इलाकों में 70 सीटें जीतने का सपना पाल रखा है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि सत्ता विरोधी रुझान से निपटने, क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने और जातीय समीकरण साधने के लिहाज से केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर यह मंत्रिमंडल विस्तार किया गया है। अब यह देखने वाली बात होगी कि मंत्रिमंडल विस्तार की इस कवायद से भाजपा चुनावी समीकरण साधने में कहां तक कामयाब हो पाती है।

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