Madhya Pradesh: बदहाल स्वास्थ्य सेवा, एम्बुलेंस ना मिलने पर वृद्ध मां के शव को खाट पर ले गईं बेटियां, Video Viral

Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलती एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। जिसमें एंबुलेंस ना मिलने पर मां के शव को बेटियां खाट पर ले जाती दिख रही हैं।

Written By :  Rajat Verma
Published By :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-03-30 17:06 IST

मध्य प्रदेश के रीवा में वृद्ध मां के शव को एंबुलेंस ना मिलने के कारण खाट पर ले जाती हैं बेटियां (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के रीवा जिले से एक बेहद ही चिंतित करने वाला वीडियो और सूचना सामने आ रही है। इस वीडियो के ज़रिए से राज्य और जिला स्वास्थ्य प्रशासन की बदहाली भली-भांति सामने आ रही है। प्रदेश सरकार भले ही व्यवस्थाओं के मामले में खुद की पीठ थपथपाती नज़र आती हो लेकिन यह वीडियो उन सभी दावों के मुँह पर करारा तमाचा है जो आमजन के लिए बेहतर सुविधा प्रदान करने की बात करते हैं।

वीडियो में देखा जा सकता है कि चार महिलाएं अपनी वृद्ध मां के शव को चारपाई पर रखकर कंधे पर लादकर लेकर जा रही है। महिलाओं के मुताबिक उन्हें सरकारी एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान नहीं हुई जिसके चलत्व उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।

क्या है मामला

मामला मध्य प्रदेश के रीवा जिले का है जहां एक 80 वर्षीय महिला का स्वास्थ्य बिगड़ने के चलते उसे घर की महिलाओं द्वारा ही निकटतम सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाया गया जहां वृद्धा की तबियत अधिक बिगड़ने पर उसकी मृत्यु हो गई। वृद्धा की मृत्यु के बाद उसे अस्पताल लेकर आई महिलाओं ने बड़ी देर तक शव वाहन का इंतजार किया लेकिन अंततः वाहन ना आने पर वह महिला को वापस चारपाई पर लादकर लेकर आईं।

सरकार बदलती हैं और सत्ता पर काबिज होने वाले नेताओं के बयान और वायदे भी बदलते लेकिन प्रशासन की बदहाली और आमजन की समस्याएं जैसी की तैसी ही बनी हुई हैं। किसी की मृत्यु होने के बाद अस्पतालों में शव वाहन की व्यवस्था ना होना प्रशासन की बहुत बड़ी नाकामी को दर्शाता है।

मामले में जिला स्वास्थ्य अधिकारी का बयान

मामले सम्बंधी वीडियो के सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद जिला स्वास्थ्य अधिकारी बीएल मिश्रा से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होनें कहा कि जिले के किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर शव को लेकर जाने के लिए किसी सरकारी वाहन की सुविधा मौजूद नहीं है और अक्सर तीमारदारों द्वारा शव को अपने निजी वाहन से ही लेकर जाया जाता है।

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