Coronavirus: वैक्सीन की कमी के चलते पुणे में टीकाकरण ठप, प्रशासन ने कही ये बात

Coronavirus: महाराष्ट्र में कोरोना के कहर के बीच पुणे में वैक्सीन की किल्लत के चलते टीकाकरण का काम बंद कर दिया गया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update: 2021-05-21 04:05 GMT

कोरोना का टीका लगवाती महिला (फाइल फोटो: न्यूजट्रैक)

Coronavirus: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का कहर जारी है। दूसरी लहर के चलते देशभर में संक्रमण की रफ्तार बेकाबू हो चुकी है। महाराष्ट्र में भी तेजी से कोविड-19 का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। इस बीच कोरोना को हराने के लिए राज्य में वैक्सीनेशन  (Corona Vaccination) का काम भी जारी है। लेकिन प्रदेश से लगातार वैक्सीन की कमी होने की शिकायतें सामने आ रही हैं। जिसके चलते पुणे में टीकाकरण का काम बंद करना पड़ा है।

बताया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन का स्टॉक (Vaccine Stock) पर्याप्त मात्रा में न होने की वजह से आज पुणे (Pune) में वैक्सीनेशन पूरी तरह से बंद रखा जाएगा। वैक्सीन की किल्लत के चलते महानगर पालिका ने यह फैसला किया है। कहा गया है कि अब टीकाकरण का काम तभी शुरू किया जाएगा, जब अगला स्टॉक मिलेगा। बता दें कि पुणे में वैक्सीनेशन का तीसरा चरण जारी है। इस फेज में 18 से 44 साल के लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराकें दी जा रही हैं।

पुणे में खोली जाएगी बायोटेक की यूनिट

गौरतलब है कि न केवल पुणे बल्कि महाराष्ट्र के कई जिलों में वैक्सीन की किल्लत होने की बात सामने आती रहती है। राज्य में वैक्सीन की कमी को देखते हुए बीते दिनों उद्धव ठाकरे सरकार ने पुणे में कोवैक्सीन बनाने वाली बायोटेक कंपनी की एक यूनिट खोले जाने का ऐलान किया था। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस सिलसिले में पुणे के जिलाधिकारी को निर्देश दिया था कि यूनिट को खोले जाने के लिए तुरंत जमीन की व्यवस्था की जाए।

जांच करवाती महिला (फोटो- न्यूजट्रैक)

गौरतलब है कि सख्त पाबंदियां लागू किए जाने के बाद महाराष्ट्र में कोरोना के नए मामलों में थोड़ी कमी देखी जा रही है। बीते 24 घंटे की बात की जाए तो राज्य में कोविड-19 के 29 हजार 911 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 738 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। हालांकि राहत की बात यह है कि इस दौरान 47 हजार 371 लोगों ने कोरोना को मात भी दी है। राज्य सरकार की ओर स जारी आंकड़ों में इस बात की जानकारी दी गई।

सख्तियों को बढ़ाया

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है, जिसे देखते हुए उद्धव ठाकरे सरकार ने राज्य में लॉकडाउन जैसी पाबंदियों को लागू किया हुआ है। सूबे में लागू सख्त पाबंदियों की वजह से ही कोरोना के नए मामलों में कमी दर्ज की जा रही है। आपको बता दें कि यहां पर एक जून तक फिलहाल सख्तियां लागू की गई हैं। अब सरकार ने इसे और सख्त कर दिया है। जिसे लेकर महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने अब यात्रा संबंधी नया दिशा-निर्देश जारी किया है।

सरकार की ओर से जारी नए दिशा-निर्देश के मुताबिक, अब किसी अन्य राज्य से महाराष्ट्र आने वाले शख्स को RT-PCR की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। इससे पहले केवल कोरोना से प्रभावित गंभीर राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के लिए RT-PCR की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य थी। साथ ही ये भी कहा गया है कि कोरोना जांच की यह रिपोर्ट राज्य में प्रवेश करने से 48 घंटे से पहले की नहीं होनी चाहिए।

लाल आंखें (फोटो साभार - सोशल मीडिया)

ब्लैक फंगस ने बढ़ाई चिंता

जहां एक ओर महाराष्ट्र कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है तो वहीं अब ब्लैक फंगस की दस्तक से स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ गई है। यह बीमारी महाराष्ट्र में तेजी से अपने पैर पसार रही है। अब तक देश में इस बीमारी से 100 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी है, जिसमें से सबसे ज्यादा 90 मौतें महाराष्ट्र में ही हुई हैं।

इस इंफेक्शन को लेकर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि राज्य में इस वक्त चिंता का सबसे बड़ा विषय म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) है, जिस वजह से यहां पर 90 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य को इसके इलाज के लिए अधिक मात्रा में दवाओं की आवश्यकता है।

कैसे पहचाने म्यूकोरमाइकोसीस के लक्षण

अगर बात करें ब्लैक फंगस (Black Fungus) के लक्षण की तो यह फंगल इन्फेक्शन आप के चेहरे पर सीधा असर डालता है। जिससे आपकी बनावट में बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही यह शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। जैसे सिर में बहुत ज्यादा दर्द होना, आंखों की रोशनी कम हो जाना या खराब होना, इस इन्फेक्शन से आपके गले से लेकर आंखों और चेहरे पर सूजन दिखेगी।

इसके अलावा आंखों में लालपन होना, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी में खून आना, पेट में दर्द। स्किन में इंफेक्शन होने पर कालापन आ जाता है। यह फंगस रोगियों के दिमाग पर भी गहरा असर डालता है। ऐसे में अगर ये लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।


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