Maharashtra Election 2024 : वर्ली में कड़े मुकाबले में फंसे आदित्य ठाकरे, शिंदे ने मिलिंद देवड़ा को उतारकर दी चुनौती
Maharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे से हिसाब चुकाने के लिए एक बड़ी सियासी चल चल दी है।
Maharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे से हिसाब चुकाने के लिए एक बड़ी सियासी चल चल दी है। मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट पर आदित्य ठाकरे की घेराबंदी के लिए करने के लिए शिंदे गुट ने मिलिंद देवड़ा को चुनाव मैदान में उतार दिया है। आदित्य ठाकरे इस सीट से नामांकन दाखिल कर चुके हैं और अब शिंदे गुट ने इस सीट से देवड़ा की उम्मीदवारी का ऐलान किया है।
मुंबई में मिलिंद देवड़ा की मजबूत पकड़ मानी जाती है और वे दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं। मौजूदा समय में वे राज्यसभा सदस्य हैं और मुख्यमंत्री शिंदे ने उन्हें आदित्य ठाकरे को हराने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। देवड़ा की उम्मीदवारी के ऐलान के बाद माना जा रहा है कि आदित्य ठाकरे इस सीट पर कड़े मुकाबले में फंस गए हैं। उन्हें अब अन्य विधानसभा सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों का प्रचार करने से पहले अपनी ही सीट पर फोकस करना होगा।
मिलिंद के जरिए आदित्य की घेराबंदी
महाराष्ट्र में विभिन्न राजनीतिक दलों की सूची सामने आने के बाद यह बात साफ हो गई है कि कई विधानसभा सीटों पर रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। वर्ली विधानसभा सीट पर भी सबकी निगाहें होंगी क्योंकि यहां पर हाई प्रोफाइल उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होने जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी शिंदे गुट ने देवड़ा को ही वर्ली के इलाके में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी थी।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री आदित्य ठाकरे का गढ़ होने के बावजूद उद्धव गुट के उम्मीदवार को इस विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ साढ़े छह हजार वोटों की बढ़त हासिल हो चुकी थी। ऐसे में जब देवड़ा खुद चुनाव मैदान में उतर रहे हैं तो आदित्य ठाकरे की सियासी राह आसान नहीं होगी। इस चुनाव क्षेत्र में आदित्य ठाकरे को देवड़ा के अलावा राज ठाकरे की पार्टी मनसे के प्रत्याशी संदीप देशपांडे की चुनौती का भी सामना करना होगा।
कांग्रेस छोड़कर शिंदे के साथ आए थे मिलिंद
मिलिंद देवड़ा ने लंबे समय तक कांग्रेस की सियासत की है और इस साल जनवरी महीने के दौरान उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने परिवार के पचपन साल के रिश्ते को तोड़ने की घोषणा के बाद शिंदे की शिवसेना की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। बाद में शिंदे गुट की ओर से उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया गया था। उनके पिता मुरली देवड़ा भी महाराष्ट्र के दिग्गज राजनीतिज्ञ रहे हैं। मुंबई की सियासत में देवड़ा परिवार की मजबूत पकड़ मानी जाती रही है।
भाजपा और शिंदे पर आदित्य का हमला
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने गुरुवार को इस विधानसभा सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था। नामांकन दाखिल करने से पहले उन्होंने रोड शो के जरिए अपनी ताकत भी दिखाई थी। आदित्य ठाकरे के इस रोड शो में शिवसेना के उद्धव गुट के काफी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे। आदित्य ठाकरे के रोड शो में किशोरी पेडनेकर और सचिन अहीर जैसे प्रमुख नेता भी मौजूद थे।
नामांकन दाखिल करने के बाद आदित्य ठाकरे ने भाजपा और शिंदे गुट पर तीखा हमला बोला था। आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के लोग अब इस बात को जान चुके हैं कि भाजपा खोखले वादे करने वाली पार्टी है। लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र के लोगों ने भाजपा और शिंदे सेना के खिलाफ मतदान किया था। इन लोगों ने सिर्फ महाराष्ट्र को लूटने का काम किया है और विधानसभा चुनाव में इन्हें अपनी ताकत का पता लग जाएगा।
वर्ली में ठाकरे परिवार के लिए प्रतिष्ठा की जंग
आदित्य ठाकरे का चुनाव शिवसेना के लिए काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि उन्हें उद्धव ठाकरे का राजनीतिक वारिस माना जाता रहा है। आने वाले दिनों में ठाकरे परिवार की विरासत उन्हें ही संभालनी है। इसलिए वर्ली विधानसभा सीट का चुनाव आदित्य ठाकरे के साथ ही शिवसेना के लिए भी प्रतिष्ठा की जंग माना जा रहा है।
शिवसेना में बगावत के जरिए एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था। वे अपनी शिवसेना को असली शिवसेना बताते रहे हैं। मिलिंद देवड़ा की उम्मीदवारी के पीछे उनकी सोची समझी रणनीति है। मिलिंद देवड़ा के जरिए वा उद्धव ठाकरे के राजनीतिक वारिस माने जा रहे आदित्य ठाकरे को बड़ी सियासी चोट देना चाहते हैं। ऐसे में अब सबकी निगाहें वर्ली विधानसभा सीट के चुनाव नतीजे पर लगी रहेंगी।