Maharashtra News: बाढ़ पीड़ित किसानों को 10,000 करोड़ का मुआवजा देगी सरकार
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीटर के द्वारा संदेश ज़ाहिर करते हुए कहा कि-"जून से अक्टूबर के बीच प्रदेश में हुई तेज़ बारिश के चलते करीब 55 लाख हेक्टेयर की खेती तबाह हो गयी है
मुंबई। आज यहाँ हुई कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए ₹10,000 करोड़ मुआवज़े का ऐलान किया है। हाल ही में महाराष्ट्र में हुई तेज़ बारिश के चलते आई बाढ़ से कई किसानों की फसल तबाह हो गयी थी, उन्हीं किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए सरकार ने ₹10,000 करोड़ मुआवज़े का ऐलान किया है।
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीटर के द्वारा संदेश ज़ाहिर करते हुए कहा कि-"जून से अक्टूबर के बीच प्रदेश में हुई तेज़ बारिश के चलते करीब 55 लाख हेक्टेयर की खेती तबाह हो गयी है, इसी के चलते राज्य कैबिनेट ने इस प्राकृतिक आपदा में तबाह हुई फसलों के किसानों को ₹10,000 करोड़ की आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया है।"
इस मुआवज़े की घोषणा के मौके पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उप मुख्यमंत्री अजित पवार और मंत्री अशोक चव्हाण मौजूद रहे।
राज्य सरकार ने सम्बंधित नियमों का खाका तैयार कर लिया है। सरकार ने तय किया है कि ₹10,000 प्रति हेक्टेयर बर्बाद हुई कृषि फसलों (agriculture crop) के लिए, ₹15,000 प्रति हेक्टेयर बर्बाद हुई बागबानी(horticulture) के लिए और ₹25,000 प्रति हेक्टेयर चिरस्थायी फसलों (perennial crops) के लिए मुआवज़ा दिया जाएगा। साथ ही यह मुआवज़ा प्रति किसान 2 हेक्टेयर तक बर्बाद हुई फसलों के लिए दिया जाएगा।
साथ ही सरकार ने कहा कि किसानों तक मुआवज़ा पहुंचाने के लिए सरकार राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (National Disaster Relied Fund - NDRF) के निर्देश की प्रतीक्षा नहीं कि जाएगी और किसानों तक जल्द से जल्द मुआवज़े की राशि पहुंचाई जाएगी।
इस वर्ष हुई बारिश की मात्रा में अधिकता के चलते महाराष्ट्र समेत समूचे देश में फसलों को बहुत ही अधिक मात्रा में नुकशान पहुंचा और साथ ही किसानों को मुनाफा तो दूर की बात अपनी लागत निकालने के लिए भी काफी मसक्कत उठानी पड़ी। फसलों के बर्बाद हो जाने के चलते बाज़ार में उपलब्ध सब्ज़ियां और अन्य खाद्य सामग्रियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं।
केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही हैं जिससे उनकी फसल में हुए नुकसान की भरपाई हो सके।