मजदूरों का पलायन फिर से, सालभर बाद दिखा प्रवासियों की वापसी का नजारा

मुंबई से यूपी-बिहार की तरफ जाने वाली ट्रेनें फुल हैं, और मुम्बई के लोकमान्य तिलक, सीएसटी टर्मिनस और मुंबई सेंट्रल स्टेशनों में प्रवासी कामगारों की बड़ी संख्या देखी जा रही है।

Update: 2021-04-04 04:21 GMT

नीलमणि लाल

लखनऊ। महाराष्ट्र के तमाम शहरों और खासकर मुंबई में पूर्ण लॉकडाउन की आशंका के चलते बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गांव की ओर पलायन कर रहे हैं।
मुंबई से यूपी-बिहार की तरफ जाने वाली ट्रेनें फुल हैं, और मुम्बई के लोकमान्य तिलक, सीएसटी टर्मिनस और मुंबई सेंट्रल स्टेशनों में प्रवासी कामगारों की बड़ी संख्या देखी जा रही है। लोग सामान असबाब समेत ट्रेनों के इंतजार में स्टेशनों के बाहर जमे हैं। ये माहौल पिछले साल कोरोना महामारी शुरु होने के बाद मार्च में शुरु हुए पलायन जैसा है।

मुंबई में पूर्ण लॉकडाउन की आशंका 

ये माहौल में पिछले साल लाखों प्रवासी मजदूर शहर छोड़ कर अपने गांव चले गए थे। इनमें से काफी मजदूर लौट आए पर बहुत लोग अब भी नहीं लौटे हैं। मुंबई सहित महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या के मद्देनजर लॉकडाउन लगाने की चर्चा है। राज्य सरकार की तरफ से इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि रात के कर्फ्यू के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी तो लॉकडाउन किया जा सकता है। प्रवासी मजदूर पिछले लॉकडाउन में हुई फजीहत से डरे हुए हैं और मुंबई से यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश जाने वाली ट्रेनों के टिकट मई तक बुक हो गए हैं।

मुंबई में काम करने वाले लगभग 8 लाख प्रवासियों की घर वापसी

बताया जा रहा है कि, जब से कोरोना बढ़ रहा है तब से मुंबई में काम करने वाले लगभग 8 लाख प्रवासियों ने घर वापस कर ली है। लगभग 6.5 लाख प्रवासी ट्रेनों से और डेढ़ लाख लोग अन्य साधनों से लौट चुके हैं।

पलायन की एक वजह उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव भी हैं। चार चरणों में ये चुनाव संपन्न होंगे। पहले चरण में 15 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। मुंबई में पूर्वी उत्तर प्रदेश के बहुत लोग हैं। कई गांवों के करीब आधे मतदाता मुंबई में ही रहते हैं। ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अपने मतदाताओं के लिए ट्रेनों के टिकट दे रहे हैं।

संक्रमण साथ लाने का खतरा

मुंबई और अन्य शहरों से लोग लौट रहे हैं और इसके साथ संक्रमण भी गांव देहात कस्बों तक आने का खतरा है। बाहर से आने वालों के लिए बहुत से राज्यों में स्क्रीनिंग और व्यापक टेस्टिंग के इंतजाम भी नहीं हैं सो जोखिम बरकरार है। जिस रफ्तार से संक्रमण फैल रहा है उससे बड़े खतरे की आशंका है।
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