यात्रियों को शाकाहारी खिलाने से एयर इंडिया को 10 करोड़ रुपए बचने की उम्मीद

Update: 2017-07-11 03:15 GMT
एयर इंडिया

नई दिल्ली: एयर इंडिया की घरेलू उड़ानों के इकोनॉमी क्लास में अब सिर्फ शाकाहारी व्यंजन परोसे जाएंगे। विमान कंपनी ने कहा कि इस कदम से उसे सालाना 10 करोड़ रुपए के बचत की उम्मीद है। कंपनी के एक वरिष्ठ यात्री के मुताबिक, यह कदम कंपनी द्वारा 90 मिनट की कम के उड़ान में मांसाहारी भोजन नहीं परोसने के फैसले के अनुरूप है।

सूत्रों ने बताया कि इसे पिछले हफ्ते से लागू कर दिया गया है, "शुरुआती अनुमानों से प्रतीत होता है कि इससे एयरलाइन को 8-10 करोड़ रुपए की बचत होगी।"

एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि यह कदम यात्रियों की मांग पर ही उठाया गया है। हालांकि घरेलू उड़ानों के बिजनेस क्लास के यात्रियों के पास शाकाहारी या मांसाहारी दोनों भोजन चुनने का विकल्प रहेगा।

वहीं, उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम कंपनी के लिए उल्टा असर करेगा और बचत तो काफी होगी वहीं, यात्रियों की संख्या भी घट जाएगी।

एयर इंडिया टिकट के पैसे में भी भोजन के पैसे भी जोड़ कर लेती है, जबकि किफायती विमान कंपनियां इसका अलग से शुल्क वसूलती हैं।

एयर इंडिया ने महाप्रबंधक (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन विभाग) जी. प्रसाद राव ने आईएएनएस को बताया, "एयर इंडिया ने घरेलू उड़ानों में मांसाहारी व्यंजन नहीं परोसने का प्रबुद्ध फैसला किया है। हम अपनी खानपान सेवा को तर्कसंगत बनाने तथा खाद्य अपव्यय को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।"

आश्चर्य नहीं है कि यह कदम केंद्रीय मंत्रिमंडल के 28 जून के उस फैसले के बाद उठाया गया है, जिसमें एयर इंडिया को बेचने का फैसला लिया गया है। एयर इंडिया जहां भारी नुकसान में है और उस पर 50,000 करोड़ रुपए का कर्ज भी है।

इससे पहले साल 2016 में भी कंपनी ने 90 मिनट से कम समय के घरेलू उड़ानों में इकोनॉमी क्लास में मांसाहारी व्यंजन नहीं परोसने का फैसला लिया था, लेकिन थोड़े समय बाद ही इसे वापस ले लिया था।

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