लखनऊ : सूखे से जूझ रहे बुंदेलखंड में पानी की आपूर्ति को लेकर सियासत शुरू हो गई है। केंंद्र द्वारा रेल से भेजे गए पानी के टैंकर को यूपी सरकार ने लेने से इंकार कर दिया है।
यूपी सरकार का कहना है कि यूपी में महाराष्ट्र के लातूर जैसे हालात नहीं हैं।
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मुख्य सचिव ने क्या कहा
-यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने गुरुवार को newztrack से कहा कि बुधवार को अधिकारियों के साथ हुई बैठक में बुंदेलखंड के लिए केंंद्र से पानी नहीं लेने का निर्णय लिया गया।
-उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में पानी पर्याप्त है और किसी अन्य राज्य या केंंद्र से लेने की जरूरत नहीं है।
-जरूरत पड़ने पर झांसी से महोबा पानी भेजा जाएगा।
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-आलोक रंजन ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों और टैंकरों से पानी भेजा जा रहा है।
-तालाब भराए गए हैं। चार सौ टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है।
डीएम ने कहा भविष्य में जरूरत पड़ी तो लेंगे पानी
-बुंदेलखंड में लगभग दस साल से सूखे के हालात हैं।
-अब तक 3500 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं। इस साल 174 किसानों ने आत्महत्या की है।
-महोबा के डीएम वीरेश्वर सिंह ने केंंद्र से भेजे गए जल एक्सप्रेस का पानी लेने से इंकार किया है।
-उन्होंने झांसी के डीआरएम को पत्र लिखा है कि पर्याप्त पानी है। भविष्य में जरूरत पड़ी तो पानी ले लेंगे।
सपा नेता ने क्या कहा
-सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि केंद्र सरकार पानी को लेकर राजनीति नहीं करे।