लखनऊ: पीएम बनने के बाद पहली बार मोदी ने नवाबों के शहर में कदम रखा। एक तरफ जहां मोदी के स्वागत के लिए शहरवासियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी, वहीं स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने मोदी गो बैक के नारे लगाए। ये स्टूडेंट्स हैदराबाद में दलित स्कॉलर रोहित वेमुला के सुसाइड मामले का विरोध कर रहे थे। मोदी का विरोध करने वाले स्टूडेंट सुरेंद्र निगम, अमरेंद्र आर्या, राम करन निर्मल, संजय पांडे और राम दास हैं। पुलिस ने राम करन को हिरासत में ले लिया है।
बीबीएयू के वीसी आरसी सोबती ने बताया कि जिन लड़कों ने पीएम के खिलाफ नारे लगाए थे वे दागी प्रकृति के हैं। उनके खिलाफ केस भी दर्ज हैं। ये छात्र यूनिवर्सिटी में दलित मूवमेंट चला रहे थे। उन्हें कॉन्वोकेशन के लिए नोड्यूस पर बुलाया गया था। अब उनकी डिग्रियां रोक दी गई हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा।"
क्या है पूरा मामला? कौन है रोहित वेमुला?
* केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों ने अफजल गुरू की फांसी समेत कुछ मुद्दों का विरोध किया था।
* इसमें अंबेडकर स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन समेत कुछ अन्य छात्र संगठन भी शामिल थे।
* ABVP के अध्यक्ष सुशील कुमार के साथ छात्रों की धक्का-मुक्की हुई इससे परिषद नाराज था।
* इसके बाद केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने वाइस चांसलर को चिट्ठी लिखी थी।
* साथ ही उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री स्मृति ईऱानी को भी पूरे मामले से अवगत कराया था।
* विश्वविद्यालय ने रोहित समेत पांच छात्रों को हॉस्टल से सस्पेंड किया। उनकी फ़ेलोशिप रोक दी गई।
* सस्पेंड छात्र विरोध स्वरूप हॉस्टेल के बाहर टेंट डालकर विरोध करने लगे।
* उन्हें 21 दिसंबर को हॉस्टल से बाहर निकाला गया। मेस और दूसरी सुविधाओं से भी वंचित हुए।
* इस घटना के बाद छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू की और रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली।
* आंध्र के गुंटूर का रहने वाला दलित स्टूडेंट रोहित सोशियोलॉजी में शोधार्थी था।
* रविवार को ही रोहित ने फांसी लगा ली उसके पास से पुलिस ने पांच पेज का सुसाइड नोट बरामद किया था।