क्या आप रामपुर वाले भू माफिया आजम खां व उनके गैंग को जानते हैं
पूर्व मंत्री के बेहद करीबी पूर्व क्षेत्राधिकारी आले हसन खां पर मुकदमा आयद किया गया है। आले हसन खां को गिरफ्रतार करने पहुंची पुलिस ने उनके बेटे को हिरासत में ले लिया। वहीं पूर्व सीओ आले हसन खां की पत्नी ने पुलिसिया कार्यवाही को नाइंसाफी बताते कहा कि उन्हें ईमानदारी से ड्यूटी निभाने का यह सिला मिल रहा है।
रामपुर। पूर्व मंत्री आजम खान और पूर्व सीओ आले हसन खां पर लोगों की जमीन कब्जाने और उनपर अत्याचार और उत्पीड़न करने में भूमाफिया व अन्य धाराओं में मुकद्दमा दर्ज किया गया है। आजम समर्थक पूर्व सीओ के बेटे को लिया हिरासत में ले लिया गया है।
पूर्व मंत्री के बेहद करीबी पूर्व क्षेत्राधिकारी आले हसन खां पर मुकदमा आयद किया गया है। आले हसन खां को गिरफ्रतार करने पहुंची पुलिस ने उनके बेटे को हिरासत में ले लिया। वहीं पूर्व सीओ आले हसन खां की पत्नी ने पुलिसिया कार्यवाही को नाइंसाफी बताते कहा कि उन्हें ईमानदारी से ड्यूटी निभाने का यह सिला मिल रहा है।
अजहर अहमद खां व फसाहत शानू भी निशाने पर
इससे पूर्व आजम खां पर हुए मुकदमे की कड़ी में उनके बेहद करीबी और पूर्व नपा चेयरमैन एंव वर्तमान चेयरमैनपति अजहर अहमद खां और आजम खां के निजी प्रवक्ता फसाहत शानू के घर पर भी पुलिस ने दबिश दी। इस दौरान दोनों में से कोई भी घर पर नहीं मिला। बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस को देखकर परिजन परेशान हो गये। वहीं मोहल्ले छावनी में तब्दील नजर आया।
क्या कहना है परिजनों का
इस बीच पूर्व सीओ सिटी आले हसन खां की पत्नी सबीना हसन और छोटे बेटे जुनैद हसन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आले हसन खां ने 35 साल पूरी ईमानदारी से पुलिस में सेवा की। उन्हे बहादुरी का मेडल भी मिला। अब उन्हे बिना वजह परेशान किया जा रहा है।
दोनो ने बताया कि रात एक बजे उनके घर पर 16-17 गाड़ी पुलिस पहुंची। 20 बाइक पर भी पुलिस कर्मी सवार थे। दोपहर में भी भारी पुलिस फोर्स पहुंची । उन्होने कहा कि उनके बेटे वसीम को पुलिस पकड़कर ले गई। यह भी नहीं बताया कि क्यों पकड़ा जा रहा है। उन्हे नहीं मालूम कि उनका बेटा कहां पर है। सरकार उन्हे इंसाफ दिलाए।
पूर्व सीओ पर हैं गंभीर आरोप
एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा ने बताया कि आले हसन खां के संबंध में ऐसी भी शिकायतें मिली हैं कि रामपुर में सिविल लाइंस थाना प्रभारी व सीओ सिटी रहते हुए अनेक लोगों को चरस और अफीम के आरोप में जेल भेजा जबकि उनका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं था। इस मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक अरुण को सौंपी गई है।