पीएम की अपील के बाद ग्रिड बचाने की बड़ी चुनौती, देश भर में ब्लैकआउट का खतरा

Update:2020-04-04 11:52 IST

अंशुमान तिवारी

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार यानी 5 अप्रैल को रात में नौ बजे नौ मिनट के लिए अपने घरों की लाइटें बंद कर देने की अपील ने बिजली कंपनियों के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। यह चुनौती है ग्रिड को बचाने की। जानकारों का कहना है कि अगर देशवासी पीएम की अपील पर बिजली बंद कर देते हैं और नौ मिनट बाद एक साथ चालू करते हैं तो देश में ब्लैकआउट का खतरा हो सकता है। पीएम मोदी की अपील के बाद खड़ी हुई चुनौती से निपटने के लिए बिजली कंपनियों ने तैयारी शुरू कर दी है।

एकजुटता का संदेश देना चाहते हैं मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में रविवार को रात में नौ बजे अपने घरों की लाइटें बंद करके घर के दरवाजे पर मोमबत्ती, दिया या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने की अपील की है। पीएम ने कहा कि ऐसा करके हमें अपनी एकजुटता का संदेश देना है। उन्होंने कहा कि इस अंधकार में संकट को पराजित करने के लिए हमें प्रकाश के तेज को चारों दिशाओं में फैलाना है। हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। उन्होंने कहा कि जब देश कोरोना के खिलाफ इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो तो बार-बार इस महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। ऐसा करके हमारा साथ मिलकर मुसीबत से लड़ने का मकसद उजागर होगा।

बिजली विभाग की बढ़ी मुसीबत

पीएम मोदी के नौ मिनट के इस चैलेंज ने बिजली कंपनियों के सामने एक बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है और कंपनियां इसका सामना करने की तैयारियों में जुट गई हैं। बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि यह एक बड़ी चुनौती है और हमें इसका सामना करना होगा।उन्होंने कहा कि यह एक चलती हुई कार में अचानक तेज ब्रेक लगाने और फिर एकदम एक्सीलेटर दबा देने जैसा ही है। अभी यह बताना मुश्किल है कि ऐसी स्थिति में कार वास्तव में कैसा व्यवहार करेगी। यह एक जटिल स्थिति है और हम सभी को इसका सामना करना है।

ग्रिड फेल होने का खतरा

पीएम की अपील के बाद पैदा हुई स्थितियों से निपटने के लिए यूपी पावर ट्रांसमिशन, उत्पादन निगम और पावर कारपोरेशन के सामने सबसे बड़ी चुनौती विद्युत ग्रिड को बचाने की है। बिजली अभियंताओं के मुताबिक जब बिजली की मांग करीब-करीब शून्य हो जाएगी और ठीक नौ मिनट के बाद जब दोबारा लाइटें चालू होंगी तब ग्रिड कैसे व्यवहार करेगा, यह देखे जाने वाली बात है। अभियंताओं के मुताबिक अचानक बिजली का लोड घटने से जेनरेटिंग मशीनें ट्रिप हो सकती हैं जिससे पावर ग्रिड फेल होने का खतरा है।

अन्य उपकरण चालू रखने की अपील

यही कारण है कि यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) के निदेशक राम स्वार्थ ने कहा कि पीएम की अपील पर क्रियान्वयन करते समय लोग अपने घरों के अन्य उपकरण जैसे पंखा, कूलर, फ्रिज आदि को चालू रखें ताकि ग्रिड पर लोड शून्य न होने पाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि दिया जलाने की अवधि बीतने के बाद घर के पूर्व चल रहे उपकरणों में से कुछ उपकरण बंद कर दें ताकि ग्रिड पर अचानक लोड ना बढ़ जाए।

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उन्होंने कहा कि घर में प्रकाश व्यवस्था के लिए लगे उपकरणों को एक-एक करके कुछ समय के अंतराल के बाद चालू करें ताकि ग्रिड को बचाया जा सके।

यूपी में कम हो जाएगा तीन हजार मेगावाट लोड

अगर हम केवल यूपी की स्थिति का आकलन करें तो यहां एक साथ लाइटें बंद होने से करीब 3000 मेगावाट विद्युत लोड कम हो जाएगा। इस स्थिति से निपटने के लिए बिजली विभाग के अधिकारी तैयारियों में जुट गए हैं। बिजली विभाग के अफसरों को इस बात का अंदाजा है कि पीएम की अपील पर प्रदेश में काफी संख्या में लोग लाइटें बंद करके दियआ जलाने के लिए आगे आएंगे।

उप केंद्रों पर तैनाती के निर्देश

इस बीच पावर ट्रांसमिशन के निदेशक (ऑपरेशन) आरके सिंह ने सभी अभियंताओं को आदेश दिया है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करते हुए हुए रविवार रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक विद्युत उपकेंद्रों पर बिजली कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करें ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एम देवराज ने भी सभी अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सब स्टेशनों पर लोड बढ़ाने के लिए लगने वाले केपिसीटर को रात में उस समय हटा दिया जाए। साथ ही सब स्टेशनों पर उपखंड अधिकारी या अधिशासी अभियंता में से कोई एक अधिकारी कर्मचारियों के साथ जरूर मौजूद रहे।

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योजना बनाने में जुटा विभाग

बिजली विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पीएम की अपील के बाद पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए उन्हें दो दिन का समय मिला है। विभाग के सामने यह एक बड़ी चुनौती है और बिजली विभाग के अधिकारी उस चुनौती से निपटने में जुट गए हैं। वरिष्ठ इंजीनियरों का कहना है कि इसे संभाला जा सकता है क्योंकि उनके पास योजना बनाने के लिए समय है।

दसवां मिनट होगा चुनौतीपूर्ण

बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बिजली की आपूर्ति को समायोजित करना आसान नहीं होगा। यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस अधिकारी का कहना है कि विशेष रूप से दसवां मिनट काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है जब हर कोई संभवत: फिर से अपने अपने घरों की बिजली चालू करेगा। अधिकारी के मुताबिक यह देखना दिलचस्प होगा कि बिजली की मांग में अचानक उछाल से आपूर्ति पूरी हो पाएगी या नहीं।

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तीस फीसदी घटा लोड

बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन का असर ग्रिड पर भी पड़ा है। इन अधिकारियों के मुताबिक पिछले 20 दिनों में ग्रिड पर लोड करीब 30 प्रतिशत कम हो गया है। उनका कहना है कि लॉकडाउन के कारण रेल, फैक्ट्री, बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकानें और तमाम ऐसे संस्थान बंद पड़े हैं जहां बिजली का जमकर उपभोग किया जाता है। इसी कारण लोड में गिरावट दर्ज की जा रही है।

पैदा हो सकता है संकट

जानकारों का कहना है कि देश में जो बिजली की सप्लाई हो रही है उसका 70 फीसद से ज्यादा थर्मल प्लांट से आता है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि थर्मल प्लांट की लोड कम करने की क्षमता सीमित होती है। वह अगर अपनी क्षमता के 60 फीसदी से कम लोड पर चलाया जाए तो उनके स्थायित्व पर संकट खड़ा हो सकता है।

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वैसे सौभाग्य से कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण थर्मल प्लांट पहले से ही कम क्षमता पर चल रहे हैं। कुल मिलाकर पीएम की अपील ने निश्चित रूप से बिजली विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि बिजली विभाग इस बड़ी चुनौती से कैसे निपटता है।

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