यूपी की नौकरशाही में आए बदलाव से हैरान और कुछ परेशान भी

Update: 2016-07-20 14:00 GMT

लखनऊ: यूपी के नौकरशाहों को आलोक रंजन के चीफ सेक्रेटरी (सीएस) रहते उनके नरम रुख और काम करने के तरीके की आदत सी पड़ गई थी लेकिन उनके उत्तराधिकारी बने दीपक सिंघल वैसे नहीं हैं। दीपक सिंघल के काम करने के 'एग्रेसिव स्टाइल' ने नौकरशाहों के रात की नींद उड़ा दी है। चाहे सीनियर हों या जूनियर सभी को हर समय अलर्ट रहना होता है। ऐसा लगता है कि दीपक सिंघल बहुत जल्दबाजी में हैं।

सिंघल ने पद भार ग्रहण करते ही पहले गृह, बिजली, वित्त और सचिवालय प्रशासन विभाग के पेंच कसे। उन्होंने इन विभागों के अधिकारियों से काम को सही तरीके से अंजाम देने का निर्देश दिया ताकि लाभ आखिरी आदमी तक पहुंचे। उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा, कि किसी अधिकारी और कर्मचारी ने कितना अच्छा काम किया है ये सुदूर गांव में रहने वाले आदमी की संतुष्टि के बाद ही तय होगा। सीएम अखिलेश यादव ने भी बिजली विभाग के काम की प्रशंसा की थी और काम करने के तरीके पर खुशी जाहिर की थी।

वित्त विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भटनागर को भी कहा गया है कि विकास कार्यों के लिए जल्द फंड जारी करें। इसी तरह सचिवालय प्रशासन विभाग के सचिव अजय कुमार उपाध्याय से कहा गया है कि वो अपनी लेट-लतीफी छोड़ें और काम में तेजी लाएं।

सीएस दीपक सिंघल बीते शुक्रवार को सीएम अखिलेश यादव के साथ श्रावस्ती गए थे। उन्होंने मंच से ही वहां के डीएम नितीश कुमार और पुलिस अधीक्षक हेमंत कटियार को जनता से नहीं मिलने और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करने के कारण चेतावनी दी थी। उन्होंने अन्य विभाग के अधिकारियों को भी चेतावनी दी है कि काम करने के तरीके बदलें अन्यथा कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

दीपक सिंघल का ये व्यवहार नौकरशाहों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है जो अब तक आलोक रंजन के साथ बड़े काम भी आसान तरीके से करने के आदी हो गए थे।

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