चुनावी समर 2017: फिर देखो आई चुनावी बयार, किसकी बनेगी बहुमत की सरकार

Update:2017-02-01 15:23 IST

लखनऊ: यूपी में होने वाले चुनाव की तारीखों में कुछ दिन ही शेष रह गए हैं। नामांकन का काम भी चल रहा है तो पार्टियों में उठा-पटक भी। विलय और विघटन का दौर भी जोरों पर है। ऐसे में चुनाव के समय कुछ कविताओं का भी सृजन हो जाता है उनमें से एक है एडवोकेट विष्णु मिश्रा की एक कविता। जिसमें उन्होंने चुनावी समर में हो रहे घमासान को बयां करने की कोशिश की है।

पंचवर्षीय योजनाओं की तरह

फिर देखो आई चुनावी बयार,

माया का हाथी देखो या

साइकिल संग पप्पू का प्यार।

मोदी का कमल देख मची हुई सब में हहाकार

साल 2017 में यूपी की जनता

किसको देगी बहुमत की सरकार

या फिर से आएगी मिली-जुली खिचड़ी सरकार

अखिलेश संग पप्पू की यारी

कर देगी क्या फिर कमाल,

युवराज का चलेगा राज

या सजेगा हाथी के सर पर ताज।

16 साल से वनवास काट कर रही

कमल की फिर तैयारी है

जो भी हो परिणाम नए साल में

सत्ता के लिए मचा घमासान भारी है।

सबका दाता बना है चुनाव आयोग

सब कर रहे चुनाव की तैयारी हैं।।

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