विज्ञान के प्रयोग से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है: सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विज्ञान के प्रयोग से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाए जाने के साथ ही मानव जीवन के पथ को सुगम बनाया जा सकता है। विज्ञान मानव जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।

Update:2019-02-10 17:29 IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विज्ञान के प्रयोग से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाए जाने के साथ ही मानव जीवन के पथ को सुगम बनाया जा सकता है। विज्ञान मानव जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने कहा कि डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग काॅरिडोर का शिलान्यास आगामी 15 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा झांसी में किया जाएगा।

9.5 करोड़ परिवारों को शौचालय

सीएम ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन योजना के अन्तर्गत गत साढ़़े चार वर्षों में 9.5 करोड़ परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराए गये। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में उत्तर प्रदेश में 16 लाख स्ट्रीट लाइटें थी। इसमें हैलोजन बल्ब जलते थे जिसके कारण ऊर्जा की भारी खपत होने के साथ ही, राजस्व पर भी भारी व्यय होता था। वर्तमान सरकार ने हैलोजन लाइट को हटाकर एलईडी बल्ब लगाए जाने का निर्णय लिया। अब तक 8 लाख स्ट्रीट लाइटें बदली जा चुकी हैं, जिससे 250 करोड़ रुपए की सालाना राजस्व बचत हुई है।

सीएम योगी ने वाराणसी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में आयोजित आईआईटी बीएचयू के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने रामायण के एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें सनातन धर्म के बारे में बताया गया है कि वह क्या है। इसमें छोटी सी परिभाषा है कि किसी ने आपके प्रति कोई कार्य या उपकार किया है, जिससे आपके जीवन मे कुछ अच्छा हुआ हो और आपने उसको कृतज्ञता ज्ञापित की हो, यही सनातन धर्म है।

विद्यार्थी देश-विदेश में भारत का नाम रोशन कर रहे

उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं 'भारत रत्न' पं. मदन मोहन मालवीय जी के जीवन चरित्र का उल्लेख करते हुए कहा कि 1916 में बीएचयू की जब स्थापना हुई, उस समय देश में स्वाधीनता की लड़ाई चल रही थी। उस समय भविष्य का भारत कैसा बनाना है, उसके चिंतन और मनन के लिए मालवीय जी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। बीएचयू के विद्यार्थी देश-विदेश में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1919 में जब आईआईटी बीएचयू0 की स्थापना हुई थी, उस समय पंजाब में एक घटना घटी थी। उस समय देश को गुलाम बनाये रखने की कवायद थी, तो स्वाधीनता के लिए काशी में मंथन चल रहा था और यही कारण रहा कि भारत बहुत दिनों तक गुलाम नहीं रह पाया।

स्वच्छता को पीएम ने जन-जन तक पहुंचाया

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में देश जब आजादी के 75 वर्ष पूरा कर रहा होगा, उसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने लोगों के सामने एक विजन रखा है। प्रधानमंत्री जी का विजन है कि तब भारत किस रूप में होगा। एक व्यक्ति देश में कैसे परिवर्तन ला सकता है, यह देखें। स्कूल में स्वच्छता की बात बचपन में बताई जाती थी, लेकिन ये भाव परिवार और विद्यालयों ने भुला दिया। प्रधानमंत्री जी ने इसको जन-जन तक पहुंचाया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 40 वर्षों में गोरखपुर क्षेत्र में अगस्त के एक महीने में एक बीमारी से प्रतिवर्ष 700-800 बच्चों की मौत इंसेफलाइटिस से होती थी। वर्तमान सरकार बनने के बाद मैनें इस बीमारी की तह तक जाने और इसके निवारण की तैयारी की, तब पता चला कि प्रभवित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल और स्वच्छता की कमी थी। इसके निवारण के लिए लगातार अभियान चला और इसका परिणाम रहा कि वर्ष 2017 से अभियान शुरू होने के बाद 1 वर्ष में ही रिजल्ट सामने था। 1978 से मौतों का सिलसिला जारी था, लेकिन सरकार के प्रयास से एक साल में ही 2018 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में केवल 86 मरीज भर्ती हुए और सिर्फ 6 मौतें हुई।

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80 हजार फर्जी राशन कार्ड पकड़े

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सरकारी राशन गरीबों को नहीं मिलता था। उत्तर प्रदेश में 80 हजार सार्वजनिक सस्ते गल्ले की दुकान है, जिसमें से 13 हजार शहरी क्षेत्रों में है। वर्तमान सरकार बनने के बाद प्रत्येक पात्र व्यक्ति को सस्ते दर पर कोटे की दुकान से खाद्यान्न उपलब्ध कराए जाने की वचनबद्धता को अमली जामा पहनाते हुए शहरी क्षेत्र के सभी 13 हजार कोटे की दुकानों पर ई-पॉस मशीन लगवाई। इससे 110 करोड़ रुपये के राजस्व की बचत हुई तथा पात्र व्यक्ति को राशन उपलब्ध कराया जा सका।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 80 हजार कोटे की दुकानों पर ई-पाॅस मशीन लगने के बाद प्रतिवर्ष 500 से 700 करोड़ रुपये के राजस्व की बचत होगी। सस्ते गल्ले की दुकानों से कार्ड धारकों को खाद्यान्न न मिलने की शिकायत पर जब सरकार ने जांच कराई तब 80 हजार फर्जी राशन कार्ड पकड़े गए, जो कोटेदारों के पास जमा थे। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के बल पर हम यह सब कर सके।

अवैध बूचड़खानों पर प्रतिबंध

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा अवैध बूचड़खानों को प्रतिबन्धित कराया, तो लोगों ने गोवंश सड़क खेत में छोड़ दिये। अब हमने इनको पालने के लिए काम शुरू किया है। गांव में इन गोवंश को रखकर इनके गोबर और गोमूत्र से ईंधन का निर्माण करें, इसके लिए टेक्नोलॉजी को जरूरी बताते हुए उन्होंने युवा इंजीनियरों से आह्वान करते हुए कहा कि आईआईटी बीएचयू इसके लिए चिंतन करें और टेक्नोलॉजी विकसित करें।

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उन्होंने गांव में 400 से 500 गोवंश को एक स्थान पर रखकर उनके गोबर एवं मूत्र से नजदीक के गोबर गैस प्लांट से मिथेन एवं कार्बनडाई आक्साइड अलग करके, एलपीजी गैस सिलेंडर की भांति रिफिलिंग करके ईंधन के प्रयोग की संभावना तलाशे जाने पर भी विशेष जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि गंगा एवं प्रयागराज में इस समय जो गंगा जल है वो आजादी के बाद का सबसे स्वच्छ जल है। हमने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर इसे साफ किया। आज तकनीक महंगी है और इसको कैसे जनसुलभ बनाया जाये यह जरूरी है। उन्होंने भविष्य के प्रति लोगों को सचेत करते हुए कहा कि जल है तो कल है।

काशी की पहचान बाबा विश्वनाथ के रूप में है

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी में काशी की पहचान बाबा विश्वनाथ के रूप में है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विश्वनाथ कॉरिडोर का काम चल रहा है। वर्ष 1916 में काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद बापू ने गलियों में गंदगी की बात कही थी, लेकिन किसी ने गंदगी और गांधी जी की बात पर ध्यान नहीं दिया। पहले मंदिर जाने का 5 फिट रास्ता था आज 50 फिट का रास्ता है। घरों में छिपे 41 मंदिर अब तक सामने आए हैं। कुछ समय बाद यह कार्य काशी को नई पहचान देगा।

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उन्होंने कहा कि हम इस दृष्टिकोण को सामने रखें कि 100 वर्ष जो आने वाला है, उसमें हम देश को क्या देंगे। महामना मदन मोहन मालवीय जी ने देश को बीएचयू देकर उपकार किया और भारत सरकार ने उनको 'भारत रत्न' देकर उनको सम्मान दिया। जो काम बहुत पहले होना चहिये था, लेकिन किसी की सोच नहीं थी। वर्तमान केंद्र सरकार ने इस दिशा में सोचा और महामना को सम्मान दिया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने दीप प्रज्वलित कर आईआईटी बीएचयू के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया।

इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में एचपी के डिजिटल साक्षरता, शिक्षा प्रोग्रामिंग, उद्यमशीलता प्रशिक्षण के उद्देश्य से स्व-निहित, इंटरनेट-सक्षम, डिजिटल समावेश और शिक्षण प्रयोगशालायुक्त 'वर्ल्ड ऑन व्हील्स मोबाइल लैब' को झंडी दिखाकर रवाना किया।

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