गजब क्लास है! बोर्ड ही सही नहीं लगा है, अब क्या होगा प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार वैसे तो हिंदी और हिंदू की हिमायती मानी जाती है पर लगता है कि अभी तक अधिकारी इस विचारधारा में ढल नहीं पाए है। ढलना तो

Update:2017-12-13 17:07 IST

आशुतोष त्रिपाठी/अनुराग शुक्ला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार वैसे तो हिंदी और हिंदू की हिमायती मानी जाती है पर लगता है कि अभी तक अधिकारी इस विचारधारा में ढल नहीं पाए है। ढलना तो दूर हिंदी की अहमियत भी नहीं समझ पाए है। उत्तर प्रदेश में नगर विकास विभाग ने नए चुने गये मेयर और नगर निकाय के अध्यक्षों के लिए कार्यशाला रखी है। कार्यशाला में खुद मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री है पर उनके पीछे के बोर्ड की हिंदी ही दुरुस्त नहीं है। यहां पर नगर निकाय को नागर निकाय लिखा गया है। अब कौन कहे कि हिंदी का ये हाल तो प्रशिक्षण को लेकर क्या गंभीरता होगी।

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बैनर ने कर दिया कबाड़ा

उत्तर प्रदेश की राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक दिन की कार्यशाला में नगर निकाय के नवनिर्वाचित मेयर और नगर पालिका अध्यक्षों की कार्यशाला रखी गयी। इसमें महत्वपूर्ण कार्यक्रम पर चर्चा होनी थी पर वाह से अधिकारी नगर निकाय भी सही नहीं लिख पाए। लिख दिया नागर निकाय। वो भी तब जब ये बैनर ठीक मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री के पीछे लगना था। हर फोटो में आना है। पर क्या करें साहब चूक गये। लिख गया नागर

लापरवाही या काम का प्रेशर

इस तरह की लापरवाही आम नहीं मानी जा सकती, माना जा रहा है कि ये या तो अव्वल दर्जे की लापरवाही है या फिर काम का बहुत ज्यादा प्रेशर कि मुख्यमंत्री की हर तस्वीर में आने वाला हर बोर्ड नागर निकाय के मेयरों को प्रशिक्षण दे रहा है। अब तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशिक्षण भी इसी तत्परता से होगा।

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