लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े लूट और हत्या आम बात है। छोटे-छोटे अपराध तो रोज हुआ करते हैं और इस शहर की जनता अब ऐसी खबरें सुनने की आदी हो चुकी है।लखनऊ के एसएसपी राजेश पांडेय इस शहर में पुलिस के कई पदों पर रह चुके हैं, लेकिन हाल के महीनों में क्राइम कंट्रोल में उनकी रूचि कुछ खास दिखाई नहीं दे रही है। वो पब्लिक रिलेशन बनाने में कुछ ज्यादा ही वक्त बिता रहे हैं।
आश्चर्यजनक रूप से वो सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सोशल इवेंट में जिला मजिस्ट्रेट राजशेखर के साथ अक्सर दिख जाते हैं। मानो इस बात का कॉम्पिटीशन हो कि दोनों में से कौन जयादा ऐसे कार्यक्रमों में दिखाई देता है। क्राइम कंट्रोल के लिए होने वाली बैठकों में उनकी मौजूदगी कभी-कभी ही रहती है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर 'newztrack.com' से कहा कि जिला मजिस्ट्रेट राजशेखर एक पॉपुलर फिगर हैं और राजेश पांडेय लगभग हर ऐसे इवेंट में उनके साथ देखे जाते हैं। राजेश पांडेय की समस्या ये है वो सोशल इवेंट में फोटो खिंचवाने में जिला मजिस्ट्रेट से पीछे नहीं रहना चाहते । हालांकि सोशल इवेंट में एसएसपी के रहने का कोई मतलब नहीं है, जबकि किसी राजधानी में क्राइम का ये हाल नहीं होना चाहिए।
जिला मजिस्ट्रेट राजशेखर का तो कहना ही क्या। सीएम के कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहने के कारण वे अखिलेश यादव से कई लोगों के सामनें दो बार फटकार भी खा चुके हैं। सीएम ,डीएम से दो बार कह चुके हैं कि अब अपने नाटक बंद करो। राजेश पांडेय न जनता की शिकायत सुनते हैं और न ही उनके फोन उठाना जरुरी समझते हैं। वो जरूरत से ज्यादा बिजी जो हैं।