अखलाक की फैमिली को मिले चार फ्लैट, मिले सीएम के विवेकाधीन कोष से पैसे

Update: 2016-01-10 08:57 GMT

लखनऊ. दादरी में बीफ की अफवाह के बाद मारे गए अखलाक की फैमिली को चार फ्लैट मिल गए हैं। ये सभी फ्लैट एनसीआर इलाके में हैं। इसके लिए पैसे सीएम अखिलेश यादव के विवेकाधीन फंड से दिए गए हैं। हालांकि, अखलाक की फैमिली अभी शिफ्ट करने को तैयार नहीं है। वारदात के बाद से वो लोग दिल्ली में रह रहे हैं।

ग्रेटर नोएडा के पाई टू सेक्टर में मिले फ्लैट्स

-अखलाक की फैमिली को यह सभी चार फ्लैट्स ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पाई टू में दिए गए हैं।

-इन सभी फ्लैट्स के लिए फैमिली ने 9.5 लाख की रकम ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को दी।

-प्रति फ्लैट 67 हजार बतौर रजिस्ट्रेशन दिए गए हैं।

अब क्यों है एतराज?

-अखलाक के दो भाइयों ने फिलहाल इन फ्लैट्स में शिफ्ट करने से मना किया है।

-उनका कहना है कि बिसाहड़ा और दिल्ली से यह काफी दूर है।

-वहां जाने के लिए साधन भी बड़ी मुश्किल से मिलता है।

कीमत से आधे दाम पर दिए गए फ्लैट

- ये सभी फ्लैट वन BHK हैं। 45 वर्ग मीटर की एरिया में बनाए गए हैं।

-इन फ्लैट्स की बाजर दर पर कीमत 20 से 24 लाख रुपए है।

-ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने स्पष्ट किया था कि वह फ्लैट्स मुफ्त में नहीं दे सकता है।

-इसके बाद सरकार ने परिवार को सीधे फ्लैट देने के बजाय उन्हें फ्लैट और रजिस्ट्रेशन के पैसे दिए गए।

काफी मुश्किल से मिले फ्लैट

-इससे पहले फ्लैट मिलने की राह में रोड़ा अखिलेश सरकार के ऑफिसर्स ने ही अटका दिया था।

-कई विभागों में घूमने-फिरने के बाद इस मामले की फाइल वापस सीएम की टेबल पर पहुंच गई थी।

-सीएम ऑफिस के आदेश पर फ्लैट देने की प्रक्रिया की शुरुआत यूपी सरकार के औद्योगिक विकास विभाग ने की थी।

-इसके बाद यह फाइल यूपी हाउसिंग बोर्ड और नोएडा अथॉरिटी को भेजी गई।

-दस दिन बाद ही दोनों विभागों ने सीएम के आदेश को दरकिनार करते हुए फ्लैट देने में असमर्थता जाहिर कर दी।

क्या है सीएम का विवेकाधीन कोष?

-सीएम के पास आम जनता की मदद के लिए एक अलग से कोष की व्यवस्था है।

-विवेकाधीन कोष से जुड़े मामले सीएम ऑफिस के सेक्शन 4 में देखे जाते हैं।

-यहां मिलने वाले एप्लीकेशन पर नियम के अनुसार और सीएम के विवेकानुसार फैसले के बाद आर्थिक मदद की जाती है।

-इस फाइनेंसियल ईयर में 105 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है।

क्यों हुई थी अखलाक की हत्या?

-बकरीद के एक दिन पहले बिसहड़ा गांव में एक बछड़ा चोरी हो गया था।

-28 सितंबर की रात अखलाक को एक प्लास्टिक बैग लिए घर से निकलते देखा गया।

-अखलाक ने इसे कचरे में डाल दिया। वहां मौजूद एक बच्चे ने यह बात लोगों को बता दी।

-कथित रूप से इसका एलान मंदिर के लाउडस्पीकर से किया गया।

-इसके बाद कुछ लोग अखलाक के घर पहुंचे और उससे मारपीट की। मारपीट में अखलाक की मौत हो गई।

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