डॉ. सुशील सोलोमन बने विवि के नए वीसी, जानिए गवर्नर ने क्‍यों बदला कुलपति

गवर्नर रामनाईक ने शनिवार को कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौदयोगिकी यूनिवर्सिटी (CSAUK) के वाइस चांसलर के पद पर नई नियुक्ति की। उन्‍होंने भारतीय गन्‍ना अनुसंधान संस्‍थान लखनऊ के पूर्व डॉयरेक्‍टर डॉ सुशील सोलोमन को कार्यभार ग्रहण करने से 3 सालों के लिए कुलपति (वीसी) नियुक्‍त किया है।

Update: 2016-12-10 12:49 GMT

लखनऊ : गवर्नर रामनाईक ने शनिवार को कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौदयोगिकी यूनिवर्सिटी (CSAUK) के वाइस चांसलर के पद पर नई नियुक्ति की।

उन्‍होंने भारतीय गन्‍ना अनुसंधान संस्‍थान लखनऊ के पूर्व डॉयरेक्‍टर डॉ सुशील सोलोमन को कार्यभार ग्रहण करने से 3 सालों के लिए कुलपति (वीसी) नियुक्‍त किया है।

इस कारण कुलपति को बदला

-सीएसए यूनिवर्सिटी में 23 अक्‍टूबर 2013 को प्रोफेसर मुन्‍ना सिंह को कुलपति नियुक्‍त किया गया था।

-इससे पहले वह लखनऊ यूनिवर्सिटी के वनस्‍पति विज्ञान डिपार्टमेंट में बतौर सीनियर प्रोफेसर नियुक्‍त थे।

-कुलपति के रूप में प्रोफेसर मुन्‍ना सिंह ने साल 2014 में सीएसए यूनिवर्सिटी में अलग-अलग कैटेगरी में शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियां की, जिस पर सवाल उठे।

-आरोप लगा कि प्रोफेसर सिंह ने नियुक्तियाें के‍लिए निर्धारित मानकों को जानबूझकर कम कर दिया और नियुक्तियां करने लगे।

-इतना ही नहीं वाईस चांसलर प्रोफेसर सिंह की धर्मपत्‍नी ने असिस्‍टेंट प्रोफेसर के पद पर आवेदन करने वाले कैंडीडेट्स से टेलीफोन पर 10 लाख की घूस की मांग की।

-इसको अभ्यर्थियों ने रिकार्ड करके कुलाधि‍पति को जांच के‍लिए भेजा।

-इस पर कुलाधिपति ने जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी.सी. गुप्ता को जांच अधिकारी नामित करते हुए जांच करवाई।

-इसमें कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक दोषी पाए गए।

-इसके अलावा पूर्व जस्टिस वीडी चतुर्वेदी से भी इनकी जांच करवाई गई और इसमें भी उन्‍हें दोषी पाया गया।

-इस पर उन्‍हें गवर्नर ने अक्‍टूबर में पद से हटा दिया था।

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