सावधान! महंगी बिजली लगाने जा रही है गर्मी में आग, 25 से 35 फीसदी होगी महंगी 

पावर कार्पोरेशन की ओर से बिजली कम्पनियों द्वारा जो वृद्धि प्रस्तावित की गयी है, उसमें लगभग सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं वाणिज्यिक, उद्योग व अन्य श्रेणियों में जहाँ 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है।

Update:2019-06-16 07:32 IST

लखनऊ: गर्मी में महंगी बिजली की तपिश गरमाने जा रही है। उ.प्र.पावर कार्पोरेशन ने गुप-चुप तरीके से वर्ष 2019-20 के लिए उ.प्र. विद्युत नियामक आयोग में बिजली दर बढ़ोत्तरी प्रस्तावित कर दाखिल कर दिया है।

पावर कार्पोरेशन की ओर से बिजली कम्पनियों द्वारा जो वृद्धि प्रस्तावित की गयी है, उसमें लगभग सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं वाणिज्यिक, उद्योग व अन्य श्रेणियों में जहाँ 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है।

वहीं घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की 25 से 35 प्रतिशत वृद्धि प्रस्तावित है, जो अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। पावर कारपोरेशन ने शुक्रवार की देर रात विद्युत नियामक आयोग में बिजली दर बढ़ोत्तरी प्रस्तावित कर दाखिल कर दिया है।

बिजली कम्पनियों द्वारा जो प्रस्ताव दिया गया है उसमें घरेलू शहरी 1 किलोवाट पर फिक्स चार्ज जहाँ पहले रू. 100/- प्रति किलोवाट था, उसे रू. 110/- प्रति किलोवाट प्रस्तावित किया गया।

वहीं बी0पी0एल0 घरेलू उपभोक्ता जो अभी रू. 50/- प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज देते हैं उसे अब रू. 75/- प्रति किलोवाट प्रतिमाह प्रस्तावित किया गया है।

पावर कारपोरेशन द्वारा बिजली के दर के बढ़ने के प्रस्ताव पर विद्युत् नियामक आयोग सभी बिजली कंपनियों के क्षेत्र में जन-सुनवाई की तिथि निर्धारित करेगा।जन-सुनवाई के बाद विद्युत् नियामक आयोग पावर कर्पोरशन को बिजली की दर बढ़ने की अनुमति देगा।

विद्युत् नियामक आयोग जन-सुनवाई के बाद पावर कारपोरेशन के दर और वर्ष 2019-20 का वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) वर्ष 2017-18 का ट्रूअप व वर्ष 2018-19 का वार्षिक परफारमेंन्स रिव्यू पर सुनवाई के बाद बढ़ाने की अनुमति देगा।

यूनिट वर्तमान रेट (घरेलू, शहरी) प्रस्तावित रेट 2019-20

0-150 रू. 4.90 प्रति यूनिट रू. 6.20 प्रति यूनिट

151-300 रू. 5.40 प्रति यूनिट रू. 6.50 प्रति यूनिट

301-500 रू. 6.20 प्रति यूनिट रू. 7.00 प्रति यूनिट

500 के ऊपर रू. 6.50 प्रति यूनिट रू. 7.50 प्रति यूनिट

घरेलू बीपीएल रू. 3.00 (100 यूनिट तक) रू. 3.00 (50 यूनिट तक)

घरेलू ग्रामीण अनमीटर्ड रू. 400 प्रति किलोवाट/माह रू. 500 प्रति किलोवाट/माह

जहाँ पहले अनमीटर्ड किसानों को रू. 150/- प्रति बीएचपी प्रतिमाह देना पड़ता था, अब वहीं रू. 170/- प्रति बीएचपी प्रतिमाह प्रस्तावित किया गया है।

हर स्तर पर होगा विरोध

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ बिजली कम्पनियाँ फिजूलखर्ची में जुटी हैं, इनाम बाँट रही हैं, स्टोर का सामान बिक रहा है। 100 करोड़ से ज्यादा के कन्सलटेंट रखे गये हैं और अब उसकी भरपाई आम जनता से करने के लिए उन पर बड़ी वृद्धि प्रस्तावित की गयी है, इसका हर स्तर पर विरोध होगा।

पहले विद्युत नियामक आयोग की सुनवाई में विरोध किया जायेगा। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो पूरे प्रदेश में व्यापक आन्दोलन छेड़ा जायेगा, लेकिन किसी भी हालत में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी नहीं होने दी जायेगी।

मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से मांग

उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से माँग की है कि वह पूरे मामले पर हस्तक्षेप कर प्रस्तावित वृद्धि को वापस करायें, अन्यथा की स्थिति में पूरे प्रदेश में टकराव की स्थिति उत्पन्न होगी और आम जनता, ग्रामीण, किसान सभी आन्दोलन के रास्ते पर जायेंगे।

सबसे बड़ा चैंकाने वाला मामला तो यह है कि प्रदेश की बिजली कम्पनियों ने बीपीएल गरीब विद्युत उपभोक्ताओं, जिन्हें पहले 100 यूनिट तक सीमित किया गया था, अब उन्हें मात्र 50 यूनिट पर सीमित करने का मतलब उनके हकों के साथ कुठाराघात है।

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