LIVE: जेटली बोले- विपक्ष ने की थी आरक्षण देने के जुमले की शुरुआत

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को आरक्षण देने पर मुहर लगा दी है। इस फैसले के तहत सवर्णों को आर्थिक आधार पर सरकारी नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। कैबिनेट की मुहर लगने के बाद आज इसके लिए संविधान संशोधन बिल संसद में पेश किया जा चुका है, इस पर सदन के अंदर बहस जारी है।

Update: 2019-01-08 04:35 GMT

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को आरक्षण देने पर मुहर लगा दी है। इस फैसले के तहत सवर्णों को आर्थिक आधार पर सरकारी नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। कैबिनेट की मुहर लगने के बाद आज इसके लिए संविधान संशोधन बिल संसद में पेश किया गया। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने संशोधन विधेयक को पेश किया। 5 बजे के बाद इस बिल पर सदन में दोबारा से बहस शुरू हो गई है।

सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण का बिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले को चुनाव से पहले का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।

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भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है, जबकि कांग्रेस ने पहले ही अपने सांसदों के लिए सोमवार और मंगलवार को उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया था।

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विपक्ष इस बिल के चुनावी प्रभाव को देखते हुए विरोध तो नहीं कर रहा है, लेकिन सरकार की मंशा पर सवाल जरूर उठा रहा है। ऐसे में शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन हंगामे की भेंट चढ़ सकता है। विपक्ष का कहना है कि सरकार के पास न तो संख्या बल है और न ही समय, तो संसद में इसे लाने का मकसद सिर्फ सियासी है।

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राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। लोकसभा में बहुमत तो है, लेकिन सहयोगियों के साथ ही जरूरी संख्या नहीं है। चूंकि यह संविधान संशोधन विधेयक है, इसलिए इसे पारित करने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।

 

 

 

 

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