GST IMPACT: AC बसों में सफ़र करना हुआ महंगा, यात्रियों को उठाना पड़ेगा 5% GST चार्ज का बोझ

जीएसटी के लागू होने से उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने अपनी एसी बसों के किराए में फेरबदल किया है। सभी वातानुकूलित सेवाओं में कुल किराए का 5 प्रतिशत जीएसटी चार्ज लिया जाएगा।

Update:2017-07-04 18:39 IST

लखनऊः जीएसटी के लागू होने से उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने अपनी एसी बसों के किराए में फेरबदल किया है। सभी वातानुकूलित सेवाओं में कुल किराए का 5 प्रतिशत जीएसटी चार्ज लिया जाएगा। यानि अब रोडवेज बसों के एसी बसों में सफर करना पहले से महंगा पड़ेगा। यात्रियों को अब टिकट में 5 प्रतिशत और का बोझ उठाना पड़ रहा है। यह नियम जीएसटी के लागू होते प्रभाव में है। दूसरी ओर साधारण बसों के किराये पर जीएसटी का कोई असर नहीं है। इन बसों में यात्रा करने पर यात्रियों को कोई भी अतिरिक्त किराया नहीं देना होगा।

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टिकट कैंसिल होने पर मिलेंगे पूरे पैसे

यात्री के द्वारा टिकट निरस्त किये जाने पर पूरी जीएसटी राशि वापस होगी। यदि किन्हीं कारणों से टिकट की कुछ राशि वापस होती है तो उस दशा में जीएसटी के समानुपातिक धनराशि वापस होगी।

देना होगा शुल्क

जिन यात्रियों ने जीएसटी लागू होने से पहले टिकट आरक्षित करा रखा है और जीएसटी नहीं लिया गया है, ऐसे सभी यात्रियों को टिकट मूल्य का 5 प्रतिशत जीएसटी चार्ज कंडेक्टर (परिचालक) द्वारा बसों में लिया जाएगा।

एसी बसों के प्रति किमी किराए का ब्यौरा

वॉल्वो और स्केनिया बसों में प्रति किमी का चार्ज 2.40 रुपये लगता है। शताब्दी बसों में 1.40 प्रति किमी यात्री देते हैं। जनरथ का प्रति किमी चार्ज 1.10 रुपये लगता है। जनरथ में सीटों की संख्या के हिसाब से पैसे लगते हैं। अब जीएसटी प्रभाव में आने से असर पड़ेगा।

कैसरबाग एआरएम के मुताबिक

कैसरबाग एआरएम एमके शर्मा ने बताया कि जीएसटी के लागे होने से एसी बसों के किराए में 5 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है। जिन यात्रियों ने पहले टिकट करा रखे हैं उनको बसों में परिचालक को और पैसे देने होंगे।

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