लखनऊ: यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन को मिले तीन महीने के एक्सटेंशन की समय सीमा 30 जून को खत्म हो रही है। उन्हें अब और सेवा विस्तार मिलने की संभावना कम है। दीपक सिंघल को अब ये पद दिया जा सकता है।
दीपक सिंघल प्रशासनिक कार्यों के अलावा 'अन्य क्षेत्रों' में भी दक्ष
-दीपक सिंघल 1982 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं।
-सिंघल को उनकी प्रशासनिक काबिलियत से ज्यादा 'अन्य क्षेत्रों' में दक्षता के लिए जाना जाता है।
-अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राजनैतिक आकाओं के लिए उनकी यह दक्षता काफी काम आ सकती है।
चुनाव को देखते हुए राजनीतिक लीडरशिप की प्राथमिकता बदली
राज्य सरकार के विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने में आलोक रंजन के कार्यकाल को शानदार माना जा रहा है लेकिन विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक लीडरशिप की प्राथमिकता अब बदल गई है।
ब्यूरोक्रेसी में चल रही चर्चा के अनुसार दीपक सिंघल का नाम इस पद के लिए तय माना जा रहा है। हालांकि 1979 बैच के अनिल कुमार गुप्ता इस पद के बड़े दावेदारों में शामिल हैं।
सीएम अखिलेश के पास हैं सीमित विकल्प
-सूत्रों के अनुसार दरअसल सीएम अखिलेश यादव के पास इस मामले में सीमित विकल्प हैं।
-अनिल गुप्ता और दीपक सिंघल के अलावा एग्रीकल्चर प्रोडक्शन कमीश्नर प्रवीर कुमार, प्रदीप भटनागर और राहुल भटनागर हैं।
-प्रवीर और प्रदीप 1982 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं।
-जबकि राहुल 1983 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं।
शिवपाल यादव के करीबी माने जाते हैं दीपक सिंघल
-अनिल कुमार गुप्ता इस साल के अंत में रिटायर हो रहे हैं।
-उन्होंने भी इस पद के लिए प्रयास किया लेकिन उनसे तीन बैच जूनियर दीपक सिंघल को मौका मिलने जा रहा है।
-दीपक इस वक्त सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव हैं।
-दीपक को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव का करीबी माना जाता है।
-हालांकि इस पद के लिए कई योग्य उम्मीदवार दिल्ली में प्रतिनियुक्त हैं लेकिन यूपी में ही मौजूद कई अधिकारियों पर दीपक भारी पड़ रहे हैं।