नई दिल्ली : भारत सरकार ने मंगलवार (21 जून) को आत्म-निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन का वीजा एक साल के लिए और बढ़ा दिया। तसलीमा नसरीन (55) के वीजा को साल 2004 से लगातार विस्तार मिलता आ रहा है। उन्होंने अब स्वीडन की नागरिकता ले ली है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, 'तसलीमा नसरीन के वीजा को उनके निवेदन पर एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है, जो 23 जुलाई से प्रभावी होगा।'
कट्टरपंथियों से था जान का खतरा
तसलीमा नसरीन सन् 1994 में बांग्लादेश छोड़ने के बाद से ही भारत में रह रही हैं। कट्टरपंथियों से अपनी जान को खतरे के मद्देनजर उन्होंने बांग्लादेश छोड़ा। कट्टरपंथियों ने उनकी एक पुस्तक में 'आपत्तिजनक सामग्री' को लेकर उनके खिलाफ फतवा जारी किया था। नसरीन ने भारत की स्थायी नागरिकता के लिए भी आवेदन दे रखा है, लेकिन गृह मंत्रालय द्वारा अभी उसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
इस वजह से छोड़ना पड़ा कोलकाता
लेखिका ने सांस्कृतिक तथा भाषाई समानता का हवाला देते हुए भारत में खासकर पश्चिम बंगाल में रहने की इच्छा जताई है। मुस्लिमों के एक धड़े द्वारा सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन के कारण साल 2007 में उन्हें कोलकाता छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था।