रियो डि जेनेरोः 58 किलो वर्ग में भारत की साक्षी मलिक ने 31वें ओलंपिक खेलों में बुधवार रात देश को पहला मेडल दिलाया। उन्होंने किर्गिस्तान की पहलवान ऐसुलू तिनिवेकोवा को संघर्षपूर्ण मुकाबले में हराया। साक्षी ने इसके साथ ही इतिहास भी रच दिया। ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली वह भारत की पहली महिला पहलवान भी हो गई हैं। मुकाबले में पहले साक्षी 0-5 से पिछड़ रही थीं, लेकिन उन्होंने ये मुकाबला 8-5 से जीत लिया।
रेपचेज मुकाबले में उतरी थीं साक्षी
इससे पहले क्वार्टर फाइनल में हार के बाद कांस्य की दौड़ के लिए रेपचेज में साक्षी मलिक ने अपना पहला मुकाबला जीत लिया था। मंगोलिया की पहलवान ओरखोन पूरेबदोर्ज को 12-3 से हराकर उन्होंने जीत हासिल की थी। पहला पीरियड 2-2 से बराबरी पर छूटा, लेकिन दूसरे पीरियड में साक्षी पूरी तरह से हावी हो गईं। उन्होंने मंगोलियाई खिलाड़ी को कई बार पटकनी देते हुए 10 अंक हासिल किए थे। पूरेबदोर्ज महज एक अंक हासिल कर सकी थीं। इसके बाद साक्षी का किर्गिस्तानी पहलवान से मुकाबला हुआ।
रेपचेज में ऐसे पहुंचीं साक्षी
फ्रीस्टाइल स्पर्धा के 58 किलो वर्ग में हिस्सा लेने वाली साक्षी मलिक को क्वॉर्टर फाइनल में हराने वाली रूस की पहलवान कोबलोवा झोलोबोवा वालेरिया ने फाइनल में प्रवेश कर लिया। इस वजह से साक्षी को रेपचेज राउंड में खेलने का मौका मिला। साक्षी को ब्रॉन्ज मेडल हासिल करने के लिए दो मुकाबले जीतने थे और उन्होंने ऐसा कर दिखाया।
रूसी पहलवान से हार गई थीं
पहले क्वॉर्टर फाइनल में रूस की वेलेरिया कोबलोवा ने एकतरफा मुकाबले में साक्षी को 9-2 से हरा दिया था। साक्षी पहले 1-0 से पीछे चल रहीं थीं। दूसरे पीरियड में 3-0 से पिछड़ने के बाद साक्षी ने दो अंक लेकर वापसी की, लेकिन रूस की खिलाड़ी ने तुरंत पांच अंक लेकर उन्हें मात दे दी। इससे पहले साक्षी मलिक ने मॉल्दोवा की मारियाना इसानू को तकनीकी आधार पर हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी।