आईपीएस पॉलिटिक्स का पचड़ा, पुलिस स्विमिंग का कचड़ा

Update: 2016-04-20 07:24 GMT

Anurag Shukla

लखनऊः यूपी में सियासत कहीं भी और कभी भी आ जाती है। शिक्षकों से लेकर कर्मचारियों और आईएएस से लेकर पुलिस अधिकारियों तक। यूपी की राजधानी में चल रही 64वीं अखिल भारतीय पुलिस तैराकी व क्रासकंट्री चैंपियनशिप की चमक को आईपीएस अधिकारियों की सियासत का ग्रहण लग गया। 18 अप्रैल से शुरू हुई इस प्रतियोगिता का उद्घाटन यूपी के सीएम अखिलेश यादव को करना था जबकि समापन केंद्रीय गृहमंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को करना था।

शानदार होता यह आयोजन यूपी के आईपीएस अधिकारियों के गुट को रास नहीं आया। उद्घाटन के दिन ही उन्होंने सीएम अखिलेश यादव के कैंप में कुछ कानाफूसी शुरू की और अंततः उद्घाटन से पहले अखिलेश यादव ने जाने से मना कर दिया। इतना ही नहीं समापन के लिए बाद में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी मना कर दिया। गौरतलब है कि राजनाथ सिंह आज लखनऊ में ही हैं।अब यह उस गुट की बाजीगरी है या कुछ और, पर कानाफूसी तो जारी है।

निशाने पर कौन

आईपीएस अधिकारियों के इस ताकतवर गुट के निशाने पर पुलिसिंग सिस्टम के वर्तमान कर्ताधर्ता हैं। राजनाथ सिंह को यह भी समझाया गया है कि लखनऊ में रहते जब सीएम नहीं गए तो उन्हें इस प्रतियोगिता को महत्व देने की जरूरत नहीं है।

क्या हैं संदेश

प्रोग्राम में जाने का वादा कर सीएम के न जाने से पुलिस अधिकारियों में यह मैसेज भी दिया जा रहा है कि वर्तमान कर्ताधर्ताओं से सीएम ज्यादा खुश नहीं हैं। वहीं इस नाराजगी और ताकत का अंदाजा आने वाले दिनों में यह ताकतवर गुट अपने लिए मलाईदार पोस्टिंग में भी कर सकता है।

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