CM अखिलेश नहीं चाहते कि IAS दीपक सिंघल बनें UP के नए मुख्य सचिव ?

Update: 2016-06-20 13:48 GMT

लखनऊ: दस दिन बाद यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन रिटायर हो रहे हैं। आलोक रंजन को मिले तीन महीने के एक्सटेंशन की समय सीमा 30 जून को समाप्त हो रही है। ऐसे में अब उनकी जगह नए मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए बहुत अच्छी छवि ना होने के बावजूद सीनियर आईएएस ऑफिसर दीपक सिंघल की दावेदारी को प्रबल माना जा रहा था।

सीएम अखिलेश यादव अपनी सरकार की छवि के प्रति सतर्क हैं। अंदर के सूत्रों ने newztrack,com को बताया कि राज्य में विधानसभा चुनावों को देखते हुए सीएम अखिलेश दीपक सिंघल के नाम पर सहमत नजर नहीं आ रहे हैं। आलोक रंजन के सफल कार्यकाल के बाद सरकार ऐसा मुख्य सचिव चाहती है जिसकी छवि चुनाव के वर्ष में उनकी पार्टी और सरकार को लाभ दे सके।

इन कसौटियों पर सीएम अखिलेश प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त (APC ) प्रवीर कुमार को तरजीह देने का मन बना रहे हैं। दोनों ही 1982 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं लेकिन लोकप्रियता और साफ सुथरी छवि के कारण प्रवीर कुमार अपने बैचमेट से इक्कीस पड़ते हैं।

वैसे भी दीपक सिंघल ने APC बनने के लिए प्रयास कम नहीं किये थे लेकिन मुख्यमंत्री के कारण उनके स्थान पर प्रवीर APC बने। लगता है ऐसा ही इतिहास फिर दोहराया जाएगा जब मुख्य सचिव की तैनाती होगी। बता दें, कि अमर सिंह के टेप कांड में दीपक सिंघल की काफी किरकिरी हुई थी।

मुख्य सचिव की दौड़ में वैसे तो इन दोनों के अलावा 1983 बैच के दो अधिकारी सदाकांत और राहुल भटनागर भी हैं लेकिन मामला फिलहाल 1983 बैच के दो अधिकारियों के बीच सीमित दिखाई पड़ रहा है। दीपक सिंघल को लेकर हालांकि पार्टी की ओर से सीएम अखिलेश पर खासा दबाव हैं लेकिन अंत में उनकी ही चलगी ऐसा माना जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार नए मुख्य सचिव का नाम तय होने में अभी एक सप्ताह का समय लग सकता है और इस बीच अधिकारियों को दौड़ भाग करने का थोडा समय हैं और एक सप्ताह बाद क्या होगा यह सस्पेंस अभी तो बना ही है।

Tags:    

Similar News