एयरटेल, वाेडा-आइडिया के 52 करोड़ ग्राहकों पर जियो की नजर
रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अम्बानी ने कंपनी की 42वीं आम बैठक में आक्रामक रुख जारी रखने के संकेत दिए थे। रिलायंस अपनी तीसरी वर्षगांठ पर जियो गीगा फाइबर की शुरुआत करने जा रही है। करीब तीन साल पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज अब तक 34 करोड़ मोबाइल ग्राहक बना चुकी है। जल्द ही 50 करोड़ का लक्ष्य हासिल करने की तैयारी में जी जान से जुटी है। इस दिशा में वह मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।
नई दिल्लीः जियो ने जून में 82 लाख से अधिक नये ग्राहक जोड़े हैं। अब तक उसके पास 34 करोड़ ग्राहक हैं। यदि कंपनी इसी गति से नये ग्राहक जोड़ती रही तो उसे 50 करोड़ का लक्ष्य हासिल करने में करीब 20 महीने का समय लगेगा और वह फरवरी 2021 तक इस आँकड़े पर पहुँच सकती है, किंतु कंपनी का लक्ष्य इस आँकड़े को पहले हासिल करने का है। और इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो की निगाह अब एयरटेल और वोडा-आइडिया के 52 करोड़ से अधिक 2जी और 3जी ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने पर है। इसके लिए वह जी जान से जुट चुकी है।
आक्रामक रुख
रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अम्बानी ने कंपनी की 42वीं आम बैठक में आक्रामक रुख जारी रखने के संकेत दिए थे। रिलायंस अपनी तीसरी वर्षगांठ पर जियो गीगा फाइबर की शुरुआत करने जा रही है।
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करीब तीन साल पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज अब तक 34 करोड़ मोबाइल ग्राहक बना चुकी है। जल्द ही 50 करोड़ का लक्ष्य हासिल करने की तैयारी में जी जान से जुटी है। इस दिशा में वह मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।
2जी व 3जी ग्राहकों पर नजर
दूरसंचार क्षेत्र की दो अन्य बड़ी कंपनियों एयरटेल के साथ इस वर्ष जून के अंत तक करीब नौ करोड़ 52 लाख और वोडा-आइडिया के साथ आठ करोड़ 48 लाख 4जी ग्राहक जुड़े थे। इन दोनों कंपनियों का वर्चस्व 2जी और 3जी सेवा पर है और रिलायंस जियो की अब इस पर पैनी नजर है।
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कंपनी का मानना है कि 2जी ग्राहकों को आकर्षित करने में जियो फोन काफी कारगर साबित हुआ है। फीचर फोन बाजार में जियो फोन अग्रणी है और पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों में यह काफी लोकप्रिय भी साबित हुआ है।
42 लाख ग्राहक बदल चुके हैं कंपनी
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के हालिया आँकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जून में करीब 36 लाख नये ग्राहक वायरलेस सेवा से जुड़े जबकि जियो ने अकेले ही मोबाइल सेवा के 82 लाख से अधिक ग्राहक जोड़े।
ट्राई के इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि अन्य कंपनियों की तुलना में नये ग्राहक जोड़ने के मामले में जियो कहीं आगे है। इस दौरान एयरटेल के 43 लाख से अधिक ग्राहकों ने नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन किया जबकि वोडा-आइडिया के 42 लाख ग्राहकों ने कंपनी का साथ छोड़ा।
जियो का क्रेज है बरकरार
कंपनी सूत्रों का कहना है कि दूसरी कंपनियों के ग्राहकों का जियो की तरफ आकर्षित होने की मुख्य वजह कम कीमत पर डाटा, तेज गति और व्यापक और विश्वनीय नेटवर्क है। रिलायंस जियो ने तीन साल पहले जब दूरसंचार क्षेत्र में कदम रखा और सस्ते दरों पर सेवा उपलब्ध कराई तो उसके बाद से डाटा की कीमतों में काफी गिरावट देखी गई।
ट्राई के अनुसार, पिछले पाँच वर्ष की अवधि में डाटा की कीमतें 95 प्रतिशत तक कम हो चुकी हैं और कम दाम पर उपलब्ध होने पर ग्राहक डाटा का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। वर्तमान में प्रति ग्राहक प्रतिमाह 7.69 जीबी प्रतिमाह डाटा का इस्तेमाल कर रहा है।
2जी, 3जी में ग्राहकों को रोकना कठिन
वर्तमान में 87 प्रतिशत डाटा का इस्तेमाल 4जी नेटवर्क पर होता है और 2जी तथा 3जी के ग्राहकों को बहुत अधिक समय से इससे अलग नहीं रखा जा सकता। इसलिए एयरटेल और वोडा-आइडिया को 2जी और 3जी सेवा के ग्राहकों को अपने साथ बनाये रखने में खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
जियो केवल 4जी तकनीक पर ही काम करता है जबकि अन्य दोनों प्रतिद्वंद्वी कंपनियाँ तीनों श्रेणियों में सेवारत हैं। दूरसंचार क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि 2जी और 3जी के ग्राहक बड़ी संख्या में 4जी की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं और इसका फायदा जियो को मिल सकता है।