लखनऊ: लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे के उद्घाटन के दौरान एक बार फिर समाजवादी परिवार एकजुट दिखा। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव और प्रोफेसर रामगोपाल यादव के बीच में पड़ी दरार खत्म होती नजर आई। मंच पर पहुंचे शिवपाल यादव ने रामगोपाल के पैर छुए तो रामगोपाल ने भी उनका स्वागत किया।
सपा में पिछले कई महीनों से चल रही टकरार के बीच गुरुवार 17 नवंबर को रामगोपाल यादव की वापसी हुई थी। दरअसल, रामगोपाल को सपा से मुलायम ने बाहर का रास्ता दिखाया था। माना जा रहा था कि वह अपने चचेरे भाई को राज्यसभा में दल के नेता के तौर पर हटाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नोटबंदी के मसले पर रामगोपाल ही सपा की ओर से राज्यसभा में बोलते नजर आए।
राज्यसभा में रामगोपाल ने रखा था सपा का पक्ष...
सपा की ओर से राज्यसभा के सभापति को नया नेता चुने जाने की कोई जानकारी नहीं दी गई थी। मुलायम ने सुलह का रास्ता खुला रखने के लिए रामगोपाल को दल के नेता पद से नहीं हटाया था। सीएम अखिलेश यादव भी सबके सामने कहा था कि रामगोपाल की वापसी होनी चाहिए। रामगोपाल को 23 अक्टूबर को सपा से निकाला गया था।
जोरदार तरीके से रखा पक्ष
रामगोपाल ने बुधवार को राज्यसभा में सपा दल नेता के तौर पर ही जोरदार तरीके से पार्टी का पक्ष रखा। वैसे, रामगोपाल को मुलायम ने निष्कासित नहीं किया। जबकि, वे ही ऐसा कर सकते थे। बावजूद इसके उनका निष्कासन मुलायम के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह ने किया था। बहरहाल, मुलायम अब दिल्ली पहुंच गए हैं। देखना ये है कि रामगोपाल की जगह वह किसी को राज्यसभा में दल का नेता बनाते हैं या नहीं।
विशेष अधिवेशन की मांग की थी
बता दें कि बीते दिनों रामगोपाल यादव ने इटावा में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने सपा नेतृत्व के सामने तीन मांगें रखी थीं। इनमें असंवैधानिक तरीके से बर्खास्त नेताओं को बहाल करने, टिकट देने में सीएम अखिलेश की सहमति लेने और अखिलेश को सीएम फेस घोषित करना शामिल हैं। इन्हें न माने जाने पर रामगोपाल ने पार्टी का विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग रखी थी।