मथुरा का लाल पंकज शहीद, शहादत की खबर सुन गम में डूबा शहर

Update: 2019-02-27 15:59 GMT

मथुराः बडगाँब मे हुए विमान क्रेस मे मथुरा के नौहझील बाजना के जरेलिया गाँव का लाल पंकज कुमार भी शहीद हो गया। शहीद पंकज एयर फोर्स की वन बिग बटालियन में तैनात था। पंकज के शहीद होने की सूचना पंकज के पिता को फोन पर मिली। पंकज के पिता नोहबत सिंह भी सेवानिवृत सूबेदार है। पंकज के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार के साथ मथुरा के बालाजी पुरम के सारंग बिहार स्थित आवास पर गमहीन माहौल में तब्दील हो गया। पंकज के शहीद होने की खबर के बाद पंकज के घर पर लोगो का तांता शहीद के परिजनों को सांत्वना देने में जुट गया। अपने दो बेटों में से बड़े बेटे पंकज की शहादत पर उसके पिता नोहबत सिंह को गर्व है और 30 साल सेना में रहकर देश की सेवा करने वाले नोहबत सिंह आज भी मांग करते है कि पाकिस्तान से एक बार आर पार कर लेनी चहिए।

बेटे की शहादत पर बाप को नाज है तो पत्नी भी दिल पर पत्थर रखकर कह रही है कि हमारे यहाँ सब कुछ ठीक है वही कलेजे के टुकड़े को खो देने के बाद माँ का कलेजा जरूर फट रहा है। शहीद पंकज 2012 में सेना में भर्ती हुआ था और दो भाईयो में बड़ा था। छोटा भाई अजय है जो पढ़ रहा है। पंकज की शादी 2015 में हुई थी और उसके डेढ़ साल का बेटा रुद्र है और रुद्र भी अपने पिता की शहादत से अनजान है और पड़ोस में रहने वाले बच्चो के साथ खेल रहा है। शाहेड पंकज के पड़ोस में रहने वाली उसकी भाभी बताती है कि पंकज काफी शर्मिला था और बहुत व्यवहारिक था। जब भी घर पर आता था तो उससे मजाक करते थे और होली आने वाली थी उसके साथ होली खेलनी थी।

पंकज के शहीद होने की खबर के बाद प्रसासनिक अधिकारी भी पंकज के घर उनके परिजन को सांत्वना देने पहुँचे। उधर मथुरा के लाल की शहादत को सुन bjp जिलाध्यक्ष नागेंद्र सिकरवार भी शहीद के घर पहुँचे ओर पंकज की शहादत पर गर्व होने की बात कहते हुए अघोषित इमरजेंसी जैसा माहौल होने पर पाकिस्तान को करारा जबाब देने की बात कही।

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